*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 25 दिसम्बर 2024*
*दिन – बुधवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द– 5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – हेमन्त ॠतु*
*मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र मार्गशीर्ष)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – दशमी रात्रि 10:29 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र – चित्रा शाम 03:22 तक स्वाती*
*योग – अतिगण्ड रात्रि 09:47 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*राहुकाल – दोपहर 12:09 से दोपहर 01:28 तक*
*सूर्योदय – 06:47*
*सूर्यास्त – 05:13*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*अग्निवास*
25+04+01=30÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववा
25+25+5=55÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
व्रत पर्व विवरण – तुलसी पूजन दिवस, विश्व गुरू भारत कार्यक्रम (25 दिसम्बर से 01 जनवरी तक)
*एकादशी व्रत के लाभ*
25 दिसम्बर 2024 बुधवार को रात्रि 10:29 से 26 दिसम्बर, गुरुवार को रात्रि 12:43 तक एकादशी है।
विशेष – 26 दिसम्बर, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है। एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है।
*एकादशी के दिन करने योग्य*
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*एकादशी के दिन ये सावधानी रहे*
महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है… ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा
*पंचक*
03 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार को सुबह 10:48 बजे से 07 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को साय 05:50 बजे तक।
*एकादशी*
26 दिसम्बर 2024दिन गुरुवार सफला एकादशी व्रत सर्वे।
10 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार पुत्रदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
28 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
29 दिसम्बर 2024 दिन रविवार मासिक शिव रात्रि ।
11 जनवरी 2025 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
13 जनवरी 2025 दिन सोमवार स्नान दान वृत पूर्णिमा।
*अमावस्या*
30 दिसम्बर 2024 दिन सोमवार देवपितृकार्य सोमवती अमावस्या।
*पंo वेदान्त अवस्थी*