होम मध्य प्रदेश रीवा सीधी सिंगरौली सतना भोपाल इंदौर जबलपुर

आज का पंचांग 6 अप्रैल 2025

By Janhit TV

Published on:

---Advertisement---

आज का पञ्चाङ्ग

*दिनांक – 06 अप्रैल 2025*
*दिन – रविवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत – 2082 गुजरात अनुसार 2081*
*शक संवत -1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*मास – चैत्र*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – नवमी शाम 07:22 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र – पुष्य 07अप्रैल सुबह 06:25 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
*योग – सुकर्मा शाम 06:55 तक तत्पश्चात धृति*
*राहुकाल – शाम 05:21 से शाम 06:55 तक*
*सूर्योदय – 05:47*
*सूर्यास्त – 06:13*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
*अग्निवास*
09+01+01=11÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
09+09+5=23÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
व्रत पर्व विवरण- श्रीराम नवमी चैत्री-वासंती नवरात्र समाप्त,रविपुष्य योग (सूर्योदय से 07 अप्रैल सूर्योदय तक)
विशेष- नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
*चैत्र नवरात्रि*
नवरात्रि की नवमी तिथि यानी अंतिम दिन माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं ।इससे वैभव व यश मिलता है ।

*चैत्र नवरात्रि*
*सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा*
चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती हैं।

*धर्मराज दशमी*
विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी …..जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता | ) यानी 07 अप्रैल 2025 सोमवार को भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन कर और हो सके तो घी की आहुति दे |
एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है | आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–
[ ध्यान रखे जिसके घर में तकलीफे है वो जरुर आहुति डाले और डालते समय स्वाहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोले | *ॐ यमाय नम:*
*ॐ धर्मराजाय नम:*
*ॐ मृत्यवे नम:*
*ॐ अन्तकाय नम:*
*ॐ कालाय नम:*
ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है |
हवन की राख, जिसे भस्म या विभूति भी कहा जाता है, के कई उपाय हैं जो धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि ला सकते हैं।
हवन की भस्म:
धन और समृद्धि के लिए:
हवन की भस्म को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन में वृद्धि होती है।
भस्म को घर के विभिन्न कोनों में छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।
भस्म को नहाने के पानी में मिलाकर नहाने से धन संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं।
नजरदोष से बचाव के लिए:
हवन की भस्म का तिलक लगाने से बुरी नजर से बचाव होता है।
हवन की भस्म को कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत हासिल करने के लिए फाइल में छिड़कने से सफलता मिलती है।
अगर किसी को बुरे सपने आते हैं तो हवन की भस्म का तिलक लगाकर सोने से डरावने सपने आना बंद हो जाते हैं।
*चैत्र नवरात्रि*
06 अप्रैल 2025 राम नवमी, महानवमी व्रत। नवरात्रि से संबंधित हवन पूजन 11:13 बजे तक किया जायेगा।
पूर्ण नवरात्रि व्रत पारण 07 अप्रैल 2025 दिन सोमवार को सुबह 07 बजे पारण करे।
*एकादशी*
08 अप्रैल 2025 दिन मंगलवार कामदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
10 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार स्नान दान व्रत वैशाखी पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

Leave a Comment