आज का पंचांग
*दिनांक – 11 अगस्त 2024*
*दिन – रविवार*
*संवत्सर –काल युक्त*
*शक संवत –1946*
*विक्रम संवत् – 2081*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – वर्षा*
*मास – श्रावण*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – सप्तमी पूर्ण रात्रि तक*
*नक्षत्र – स्वाति पूर्ण रात्रि तक*
*योग – शुभ दोपहर 03:49 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*राहु काल – शाम 05:37 से शाम 07:15 तक*
*सूर्योदय – 05:29*
*सूर्यास्त – 06:31*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*अग्निवास*
07+01+01=09÷4=01 स्वर्ग लोक में।
*शिववास*
07+07+5=19÷7 =05 भोजन चैव वासे।
व्रत पर्व विवरण – रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से 12 अगस्त सूर्योदय तक), द्विपुष्कर योग (प्रातः 05:44 से प्रातः 05:49 तक), सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 05:44 से प्रातः 06:15 तक)
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते है और शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*लसोड़ा ( गोंदी ) सेवन से स्वास्थ्य लाभ*
लसोड़ा को हिन्दी में गोंदी, गोंदे और निसोरा भी कहते हैं । यह मधुर, कसैला, शीतल, कृमिनाशक, विषनाशक, बालों के लिए हितकारी, अग्निवर्द्धक, वातशामक, पाचक, कफ निकालनेवाला, अतिसार व जलन दूर करनेवाला, दर्द और सब प्रकार के विष को नष्ट करनेवाला होता है ।
इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, फाइबर, आयरन, फॉस्फोरस व कैल्शियम मौजूद होते हैं । यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर को कई अन्य बीमारियों से राहत देता है । कच्चे लसोड़े का साग और अचार भी बनाया जाता है ।
लसोड़े के औषधीय उपचार *
अतिसार : लसोड़े की छाल को पानी में घिसकर पिलाने से अतिसार ठीक होता है ।
हैजा (कालरा) : लसोडे़ की छाल को चने की छाल में पीसकर हैजा के रोगी को पिलाने से हैजा रोग में लाभ होता है ।
दांतों का दर्द : लसोड़े की छाल का काढ़ा बनाकर उस काढ़े से कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर होता है ।
शक्तिवर्द्धक : लसोड़े के फलों को सुखाकर उनका चूर्ण बना लें । इस चूर्ण को चीनी की चाशनी में मिलाकर लड्डू बना लें । इसको खाने से शरीर मोटा होता है और कमर मजबूत जाती है ।
शोथ (सूजन) : लसौड़े की छाल को पीसकर उसका लेप आंखों पर लगाने से आंखों के शीतला के दर्द में आराम मिलता है ।
पुनरावर्तक ज्वर : लसोड़ा की छाल का काढ़ा बनाकर 20 से लेकर 40 मिलीलीटर को सुबह और शाम सेवन करने से लाभ होता है ।
प्रदर रोग : लसोड़ा के कोमल पत्तों को पीसकर रस निकालकर पीने से प्रदर रोग और प्रमेह दोनों मिट जाते हैं ।
दाद : लसोड़ा के बीजों की मज्जा को पीसकर दाद पर लगाने से दाद मिट जाता है ।
फोड़े-फुंसियां : लसोड़े के पत्तों की पोटली बनाकर फुंसियों पर बांधने से फुंसिया जल्दी ही ठीक हो जाती हैं ।
गले के रोग : लसोड़े की छाल के काढ़े से कुल्ला करने से गले के सारे रोग ठीक हो जाते हैं ।
नोट: इसका स्वभाव शीतल होता है । लसोड़ा का अधिक मात्रा में उपयोग मेदा (आमाशय) और जिगर के लिए हानिकारक हो सकता है ।
*पंचक*
19 अगस्त 2024 दिन सोमवार साय 07:01 बजे से 23 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को साय 07:54 बजे तक।
*एकादशी*
16 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार पवित्रा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
17 अगस्त 2024 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
19 अगस्त 2024 दिन सोमवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा भद्रोपरांत रक्षा बंधन ।
*पंo वेदान्त अवस्थी*