आज कापञ्चाङ्ग
*दिनांक – 30 सितम्बर 2024*
*दिन – सोमवार*
*संवत्सर –काल युक्त*
*शक संवत 1946*
*विक्रम संवत् – 2081*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शरद*
*मास – आश्विन*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – त्रयोदशी शाम 07:06 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक*
*योग – शुभ रात्रि 01:28 अक्टूबर 01 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*राहु काल – प्रातः 08:01 से प्रातः 09:30 तक*
सूर्योदय – 06:05*
सूर्यास्त – 05:55*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
28+02+01=31÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
28+28+5=61÷7 =05 भोजन चैव वासे।
व्रत पर्व विवरण – त्रयोदशी श्राद्ध, प्रदोष व्रत,मासिक शिवरात्रि*
विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
मासिक शिवरात्रि : 30 सितम्बर 2024*
जिस तिथि का जो स्वामी हो उस तिथि में उसकी आराधना-उपासना करना अतिशय उत्तम होता है । चतुर्दशी के स्वामी भगवान शिव है । अतः उनकी रात्रि में किया जानेवाला यह व्रत ‘शिवरात्रि’ कहलाता है । प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रात्रि में गुरु से प्राप्त हुए मंत्र का जप करें । गुरुप्रदत्त मंत्र न हो तो पंचाक्षर (नमः शिवाय) मंत्र के जप से भगवान शिव को संतुष्ट करें ।
कर्ज मुक्ति हेतु -*
हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी…
1) *ॐ शिवाय नमः*
2) *ॐ सर्वात्मने नमः*
3) *ॐ त्रिनेत्राय नमः*
4) *ॐ हराय नमः*
5) *ॐ इन्द्रमुखाय नमः*
6) *ॐ श्रीकंठाय नमः*
7) *ॐ सद्योजाताय नमः*
8) *ॐ वामदेवाय नमः*
9) *ॐ अघोरहृदयाय नम:*
10) *ॐ तत्पुरुषाय नमः*
11) *ॐ ईशानाय नमः*
12) *ॐ अनंतधर्माय नमः*
13) *ॐ ज्ञानभूताय नमः*
14) *ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः*
15) *ॐ प्रधानाय नमः*
16) *ॐ व्योमात्मने नमः*
17) *ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:*
कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु*
जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।
सोमवार को बाल कटवाने से शिवभक्ति की हानि होती है ।
सोमवार को तथा दोपहर के बाद बिल्वपत्र न तोड़ें ।
*पंचक*
13 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को साय 03:44 बजे से 17 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार साय 04:20 बजे तक।
*नवरात्रि*
03 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार प्रतिपदा नवरात्रि मूहर्त प्रातः 06:35 से 08:03 शुभ वेला। दिवा 12:03 से 12: 50अभिजित वेला पूजन एवम घट स्थापना करना शुभ रहेगा।
11 अक्टूबर 2024 दिन शुक्रवार दुर्गाष्टमी महानवमी व्रत।
12 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार सरस्वती विसर्जन, नीलकंठ दर्शन,व्रत पारण कन्याभोज इत्यादि।
*एकादशी*
28 सितम्बर 2024 दिन शानिवार एकादशी व्रत सर्वे।
13 अक्टूबर 2024 दिन रविवार पापंकुशा एकादशी स्मार्त व्रत (गृहस्थ)।
14 अक्टूबर 2024 दिन सोमवार पापंकुशा एकादशी व्रत वैष्णव।
*प्रदोष*
30 सितम्बर 2024 दिन सोमवार को प्रदोष व्रत। (मासिक शिव रात्रि)
15 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
02 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार पितृ विसर्जन अमावस्या।
*पूर्णिमा*
16 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार व्रत पूर्णिमा।
17 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार स्नान दान पूर्णिमा कार्तिक स्नान प्रारम्भ।
*पंo वेदान्त अवस्थी*