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आज का पंचांग 3 सितंबर 2024

By Janhit TV

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आज का पंचांग
*दिनांक – 3 सितम्बर 2024*
*दिन – मंगलवार*
*संवत्सर –काल युक्त*
*शक संवत –1946*
*विक्रम संवत् – 2081*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – वर्षा*
*मास – भाद्रपद*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – अमावस्या प्रातः 07:24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र – पूर्व फाल्गुनी रात्रि 03:10 सितम्बर 4 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग – सिद्ध शाम 07:05 तक तत्पश्चात साध्य*
*राहु काल – दोपहर 03:47 से शाम 05:21 तक*
*सूर्योदय – 05:45*
*सूर्यास्त – 06:15*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*अग्निवास*
30+03+01=34÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
30+30+5=59÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
विशेष – प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*समृद्धि बढ़ाने के लिए*
कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।
*स्कन्दपुराण‬ के प्रभास खंड के अनुसार*
*”अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते ।। तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते”*
जो व्यक्ति ‪अमावस्या‬ को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।

*सायटिका*

सायटिका या गृध्रसी नसों में होनेवाला ऐसा दर्द है जिसमें मरीज को सबसे पहले कूल्हे में दर्द होता हैं और फिर धीरे-धीरे यह दर्द नसों से होते हुए दोनों पैरों में बढ़ता है । इससे उठने – बैठने व चलने – फिरने में दिक्कत होती है । यह कोई रोग नहीं है बल्कि रीढ़ से संबंधित कुछ रोगों का लक्षण हो सकता है । कभी-कभी सगर्भावस्था के कारण भी दर्द शुरू हो सकता है ।

अधिक मेहनत करने या भारी वजन उठाने, अनुचित जीवनशैली व खान-पान, उठने-बैठने की गलत मुद्रा एवं रुखा, शीतल व आवश्यकता से कम मात्रा में आहार, अति संसार-व्यवहार, अधिक व्यायाम, चिंतित रहना, मल-मूत्र आदि के वेगों को रोकना, शरीर में कच्चा रस बनना आदि कारणों से भी यह दर्द हो सकता है ।

*कैसे पायें सायटिका से राहत ?*

अधिकांश मामलों में कमर की गद्दी के अपने स्थान से खिसकने के कारण सायटिका का दर्द होना पाया जाता है । इसमें चिकित्सक की सलाह के अनुसार १५ दिनों से २ महीनों तक सिर्फ थोडा विश्राम करने और हलकी कसरत एवं योगासन जैसे की मकरासन, भुजंगासन, वज्रासन आदि का सहारा लेने से काफी लोगों को फायदा मिल जाता है ।

सायटिका में लाभदायी अन्य प्रयोग

१] अश्वगंधा चूर्ण व टेबलेट : २ से ४ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण या २ – ४ अश्वगंधा टेबलेट सुबह खाली पेट दूध के साथ लें ।
२] वज्र रसायन टेबलेट : आधी से एक गोली देशी गाय के दूध, घी अथवा शुद्ध शहद के साथ सुबह खाली पेट लें ।
३] स्पेशल मालिश तेल : इससे दिन में १ – २ बार हलके हाथों से मालिश करके गर्म कपड़े से सिंकाई करें ।
४] संधिशूलहर योग चूर्ण : २ चम्मच चूर्ण रात को १ गिलास पानी में भिगों दें । सुबह इसे उबालें । आधा पानी शेष रहने पर छान के पियें ।

वैद्कीय सलाहनुसार उचित आहार-विहार, पंचकर्म-चित्किसा, आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन आदि से संतोषकारक परिणाम मिलते हैं ।
सावधानियाँ :
१] वायुवर्धक पदार्थ जैसे – आलू, मटर, चना, अरहर की दाल, बासी भोजन, अति ठंडा पानी आदि से तथा अति उपवास से बचें ।
२] पेट में कब्ज, गैस आदि न होने दें एवं प्रसन्न रहें ।
३] कमोड शौचालय का प्रयोग करें, ऊँची एडी की चप्पल न पहनें, अधिक दर्द होने पर शरीर को आराम दें एवं मुलायम गद्दे पर न सोयें ।

*हरतालिका तीज व्रत*
06सितम्बर 2024 हरतालिका तीज व्रत।
*पंचक*
16 सितम्बर 2024 सोमवार को सुबह 05:45 बजे से 20 सितम्बर 2024 दिन शुक्रवार को सुबह 05:15 बजे तक।
*एकादशी*
14 सितम्बर 2024 पद्मा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
15 सितम्बर 2024 दिन रविवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
17 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार अनंत चतुर्दशी व्रत पूर्णिमा।
पूर्णिमा श्राद्ध।
18 सितम्बर 2024 दिन बुधवार स्नान दान पूर्णिमा।
प्रतिपदा श्राद्ध।
*अमावस्या*
03 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार देव कार्ये (भौमवती अमावस्या)।

*पंo वेदान्त अवस्थी

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