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आज का पंचांग 27 नवंबर 2024

By Janhit TV

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*~ आज का पञ्चाङ्ग~*
*दिनांक – 27 नवम्बर 2024*
*दिन – बुधवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत -1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – हेमंत ॠतु*
*मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – द्वादशी 28 नवम्बर सुबह 06:23 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र – चित्रा पूर्ण रात्रि तक*
*योग – आयुष्मान शाम 03:13 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*राहुकाल – दोपहर 12:26 से दोपहर 01:49 तक*
*सूर्योदय –06:42*
*सूर्यास्त – 05:18*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*अग्निवास*
27+04+01=32÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
27+27+5=59÷7 =03 वृषारूढ़ा वासे।
*व्रत पर्व विवरण – उत्पत्ति एकादशी,(बिहार,झारखंड,छत्तीसगढ,प•बंगाल,ओडिशा,आंध्र प्रदेश,तमिलनाडू,केरल,व पूर्वोत्तर राज्यो मे)*
विशेष-द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*प्रदोष व्रत*
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 28 नवम्बर, गुरुवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…
*ऐसे करें व्रत व पूजा*
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।
भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
*ये उपाय करें*
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।
*पंचक*
07 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार को सुबह 05:07 बजे से 11 दिसम्बर 2024 दिन बुधवार को दोपहर 11:48 बजे तक।
*एकादशी*
26 नवम्बर 2024 दिन मंगलवार उत्पत्ति एकादशी व्रत सर्वे।
11 दिसम्बर 2024 बुधवार मोक्षदा एकादशी व्रत (गृहस्थ)।
12 दिसम्बर 2024दिन गुरुवार मोक्षदा एकादशी व्रत (वैष्णव)।
*प्रदोष*
28 नवम्बर 2024 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत।
29 नवम्बर 2024 दिन शुक्रवार मासिक शिव रात्रि ।
13 दिसम्बर 2023 दिन शुक्रवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
14 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार व्रत पूर्णिमा।
15 दिसम्बर 2024 दिन रविवार स्नान दान पूर्णिमा।
*अमावस्या*
30 नवम्बर 2024 दिन शनिवार पितृकार्य अमावस्या।
01 दिसम्बर 2024 दिन रविवार देव कार्य अमावस्या।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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