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आज का पंचांग 24 सितंबर 2024

By Janhit TV

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आज का पंचांग
*दिनांक – 24 सितम्बर 2024*
दिन – मंगलवार*
*संवत्सर –काल युक्त*
*शक संवत –1946*
*विक्रम संवत् – 2081*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शरद*
*मास – आश्विन*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – सप्तमी दोपहर 12:38 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र – मृगशिरा रात्रि 09:54 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग – व्यतिपात रात्रि 01:27 सितम्बर 25 तक तत्पश्चात वरीयान*
*राहु काल – दोपहर 03:33 से शाम 05:03 तक*
*सूर्योदय – 06:00*
*सूर्यास्त – 06:00*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*अग्निवास*
22+03+01=26÷4=02 पाताल लोक में
*शिववास*
22+22+5=49÷7 =00 श्मशान वासे।
व्रत पर्व विवरण – सप्तमी श्राद्ध, महालक्ष्मी व्रत पूर्ण, कालाष्टमी, द्विपुष्कर योग (प्रातः 06:29 से दोपहर 12:38 तक)*
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते हैं और शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

*तिल के तेल के औषधीय प्रयोग*

१] तिल का सेवन १०-१५ मिनट तक मुँह में रखकर कुल्ला करने से शरीर पुष्ट होता है, होंठ नहीं फटते, कंठ नहीं सूखता, आवाज सुरीली होती है, जबड़ा व हिलते दाँत मजबूत बनते हैं और पायरिया दूर होता है ।

२] ५० ग्राम तिल के तेल में १ चम्मच पीसी हुई सोंठ और मटर के दाने बराबर हींग डालकर गर्म किये हुए तेल की मालिश करने से कमर का दर्द, जोड़ों का दर्द, अंगों की जकड़न, लकवा आदि वायु के रोगों में फायदा होता है ।

३] २०-२५ लहसुन की कलियाँ २५० ग्राम तिल के तेल में डालकर उबालें । इस तेल की बूँदे कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है ।

४] प्रतिदिन सिर में काले तिलों के शुद्ध तेल से मालिश करने से बाल सदैव मुलायम, काले और घने रहते हैं, बाल असमय सफेद नहीं होते ।

५] ५० मि.ली. तिल के तेल में ५० मि.ली. अदरक का रस मिला के इतना उबालें कि सिर्फ तेल रह जाय । इस तेल से मालिश करने से वायुजन्य जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है ।

६] तिल के तेल में सेंधा नमक मिलाकर कुल्ले करने से दाँतों के हिलने में लाभ होता है ।
७] घाव आदि पर तिल का तेल लगाने से वे जल्दी भर जाते हैं ।
*चार बातों को याद रखो*
१] ब्रह्मनिष्ठ महापुरुषों व ज्ञानवृद्ध बड़े-बुजुर्गों का आदर करना ।
२] छोटों की रक्षा करना और उन पर स्नेह करना ।
३] सत्संगी बुद्धिमानों से सलाह लेना और
४] मूर्खों के साथ नहीं उलझना ।

*नम्रता के तीन लक्षण*

१] कडवी बात का मीठा जवाब देना ।
२] क्रोध के अवसर पर भी चुप्पी साधना और
३] किसीको दंड देना ही पड़े तो उस समय चित्त को कोमल रखना ।
*पंचक*
13 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को साय 03:44 बजे से 17 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार साय 04:20 बजे तक।
*नवरात्रि*
03 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार प्रतिपदा नवरात्रि मूहर्त प्रातः 06:35 से 08:03 शुभ वेला। दिवा 12:03 से 12: 50अभिजित वेला पूजन एवम घट स्थापना करना शुभ रहेगा।
11 अक्टूबर 2024 दिन शुक्रवार दुर्गाष्टमी महानवमी व्रत।
11 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार सरस्वती विसर्जन, नीलकंठ दर्शन,व्रत पारण कन्याभोज इत्यादि।
*एकादशी*
28 सितम्बर 2024 दिन शानिवार एकादशी व्रत सर्वे।
13 अक्टूबर 2024 दिन रविवार पापंकुशा एकादशी स्मार्त व्रत (गृहस्थ)।
14 अक्टूबर 2024 दिन सोमवार पापंकुशा एकादशी व्रत वैष्णव।
*प्रदोष*
30 सितम्बर 2024 दिन सोमवार को प्रदोष व्रत। (मासिक शिव रात्रि)
15 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
02 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार पितृ विसर्जन अमावस्या।
*पूर्णिमा*
16 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार व्रत पूर्णिमा।
17 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार स्नान दान पूर्णिमा कार्तिक स्नान प्रारम्भ।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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