होम मध्य प्रदेश रीवा सीधी सिंगरौली सतना भोपाल इंदौर जबलपुर

आज का पंचांग 24 दिसंबर 2024

By Janhit TV

Published on:

---Advertisement---

आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 24 दिसम्बर 2024*
*दिन – मंगलवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – हेमन्त ॠतु*
*मास – पौष (गुजरात-महाराष्ट्र मार्गशीर्ष)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – नवमी शाम 07:52 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र – हस्त दोपहर 12:17 तक चित्रा*
*योग – शोभन रात्रि 08:54 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*राहुकाल – शाम 02:46 से शाम 04:04 तक*
*सूर्योदय – 06:47*
*सूर्यास्त – 05:13*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*अग्निवास*
24+03+01=28÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
24+24+5=33÷7 =05 भोजन चैव वासे।
विशेष- नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

*तुलसी पूजन विधि व तुलसी – नामाष्टक*
*तुलसी पूजन विधि*
25 दिसम्बर को सुबह स्नानादि के बाद घर के स्वच्छ स्थान पर तुलसी के गमले को जमीन से कुछ ऊँचे स्थान पर रखें | उसमें यह मंत्र बोलते हुए जल चढायें :
*महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी*
*आधि व्याधि हरा नित्यम् तुलसी त्वाम् नमोस्तुते*
फिर ‘तुलस्यै नम:’ मंत्र बोलते हुए तिलक करें, अक्षत (चावल) व पुष्प अर्पित करें तथा वस्त्र व कुछ प्रसाद चढायें | दीपक जलाकर आरती करें और तुलसीजी की ७, ११, २१,५१ व १०८ परिक्रमा करें | उस शुद्ध वातावरण में शांत हो के भगवत्प्रार्थना एवं भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करें | तुलसी के पास बैठकर प्राणायाम करने से बल, बुद्धि और ओज की वृद्धि होती है |
तुलसी – पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें | तुलसी के समीप रात्रि १२ बजे तक जागरण कर भजन, कीर्तन, सत्संग-श्रवण व जप करके भगवद-विश्रांति पायें | तुलसी – नामाष्टक का पाठ भी पुण्यदायक है | तुलसी – पूजन अपने नजदीकी आश्रम या तुलसी वन में अथवा यथा–अनुकूल किसी भी पवित्र स्थान में कर सकते हैं |
*तुलसी – नामाष्टक*
*वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनी विश्वपूजिताम् |*
*पुष्पसारां नन्दिनी च तुलसी कृष्णजीवनीम् ||*
*एतन्नामाष्टकं चैतत्स्तोत्रं नामार्थसंयुतम् |*
*य: पठेत्तां च संपूज्य सोऽश्वमेधफलं लभेत् ||*
भगवान नारायण देवर्षि नारदजी से कहते हैं : “वृन्दा, वृन्दावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी – ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं | यह सार्थक नामावली स्तोत्र के रूप में परिणत है |
जो पुरुष तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है | ( ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खण्ड :२२.३२-३३)

*पंचक*
03 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार को सुबह 10:48 बजे से 07 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को साय 05:50 बजे तक।
*एकादशी*
26 दिसम्बर 2024दिन गुरुवार सफला एकादशी व्रत सर्वे।
10 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार पुत्रदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
28 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
29 दिसम्बर 2024 दिन रविवार मासिक शिव रात्रि ।
11 जनवरी 2025 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
13 जनवरी 2025 दिन सोमवार स्नान दान वृत पूर्णिमा।
*अमावस्या*
30 दिसम्बर 2024 दिन सोमवार देवपितृकार्य सोमवती अमावस्या।

Leave a Comment