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आज का पंचांग 23 नवंबर 2024

By Janhit TV

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*~ आज का पञ्चाङ्ग~*
*दिनांक – 23 नवम्बर 2024*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत -1946*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – हेमंत ॠतु*
*मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – अष्टमी शाम 07:56 तक तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र – मघा शाम 07:27 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*योग – इन्द्र सुबह 11:42 तक तत्पश्चात वैधृति*
*राहुकाल – सुबह 09:40 से सुबह 11:02 तक*
*सूर्योदय –06:40*
*सूर्यास्त – 05:20*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
*अग्निवास*
23+07+01=31÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
23+23+5=51÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)

*स्वास्थ्यवर्धक खजूर*
खजूर मधुर, शीतल, पौष्टिक व सेवन करने के बाद तुरंत शक्ति-स्फूर्ति देनेवाला है | यह रक्त, मांस की वृद्धि करता है | ह्रदय व मस्तिष्क को शक्ति देता है | वात, पित्त व कफ इन तीनों दोषों का शामक है | यह मल व मूत्र को साफ लाता है | खजूर में कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन्स, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नेशियम, लौह आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | ‘ अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ‘ के अनुसार शरीर को एक दिन में २०-३५ ग्राम डाएटरी फाइबर (खाद्य पदार्थों में स्थित रेशा) की जरुरत होती है, जो खजूर खाने से पूरी हो जाती है |
खजूर रात भर पानी में भिगोकर सुबह लेना लाभदायक है | खजूर रक्त को बढ़ाता है और यकृत (लीवर) के रोगों में लाभकारी है | रक्ताल्पता में इसका नियमित सेवन लाभकारी है | नींबू के रस में खजूर की चटनी बनाकर खाने से भोजन की अरुचि मिटती है | खजूर का सेवन बालों को लंबा, घना और मुलायम बनाता है |
*औषधि-प्रयोग*
कब्जनाशक : खजूर में रेचक गुण भरपूर है | ८-१० खजूर २०० ग्राम पानी में भिगों दें,सुबह मसलकर इनका शरबत बना लें | फिर इसमें ३०० ग्राम पानी और डालकर गुनगुना गर्म करें | खाली पेट चाय की की तरह पी जायें | कुछ देर बाद दस्त होगा | इससे आँतों को बल और शरीर को स्फूर्ति भी मिलेगी | उम्र के अनुसार खजूर की मात्रा कम-ज्यादा करें |
नशा निवारक : शराबी प्राय: नशे की झोंक में इतनी शराब पी जाता है की उसका यकृत नष्ट होकर मृत्यु का कारण बन सकता है | इस स्थिति में ताजे पानी में खजूर को अच्छी तरह मसलते हुए शरबत बनायें | यह शरबत पीने से शराब का विषैला प्रभाव नष्ट होने लगता है |
आँतों की पुष्टि : खजूर आँतों के हनिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है, साथ ही खजूर के विशिष्ट तत्त्व ऐसे जीवाणुओं को जन्म देते हैं जो आँतों को विशेष शक्तिशाली तथा अधिक सक्रिय बनाते हैं |
हृदय रोगों में : लगभग ५० ग्राम गुठली रहित छुहारे (खारक) २५० मी. ली. पानी में रात को भिगो दें | सुबह छुहारों को पीसकर पेस्ट बना के उसी बचे हुए पानी में घोल लें | इसे प्रात: खाली पेट पी जाने से कुछ ही माह में ह्रदय को पर्याप्त सबलता मिलती है | इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण मिलाना विशेष लाभदायी है |
तन-मन की पुष्टि : बच्चों को दूध में खजूर उबाल के देने से उन्हें शारीरिक-मानसिक पोषण मिलता है व शरीर सुदृढ़ बनता है |
शैयामूत्र : जो बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हों, उन्हें दो छुहारे रात्रि में भिगोकर सुबह दूध में उबाल के दें |
बच्चों के दस्त में : बच्चों के दाँत निकलते समय उन्हें बार बार गारे दस्त होते हों या पेचिश पड़ती हो तो खजूर के साथ शहद को अच्छी तरह फेंटकर एक-एक चमच दिन में २-३ बार चटाने से लाभ होता है |
मस्तिष्क व हृदय की कमजोरीः रात को खजूर भिगोकर सुबह दूध या घी के साथ खाने से मस्तिष्क व हृदय की पेशियों को ताकत मिलती है। विशेषतः रक्त की कमी के कारण होने वाली हृदय की धड़कन व एकाग्रता की कमी में यह प्रयोग लाभदायी है।
मलावरोधः रात को भिगोकर सुबह दूध के साथ लेने से पेट साफ हो जाता है।
कृशताः खजूर में शर्करा, वसा (फैट) व प्रोटीन्स विपुल मात्रा में पाये जाते हैं। इसके नियमित सेवन से मांस की वृद्धि होकर शरीर पुष्ट हो जाता है।
रक्ताल्पताः खजूर रक्त को बढ़ाकर त्वचा में निखार लाता है।
गाय के घी अथवा बकरी के दूध के साथ लेने से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त अधिक मासिक स्राव, क्षयरोग, खाँसी, भ्रम(चक्कर), कमर व हाथ पैरों का दर्द एवं सुन्नता तथा थायराइड संबंधी रोगों में भी यह लाभदायी है।
*सावधानी*
आजकल खजूर को वृक्ष से अलग करने के बाद रासायनिक पदार्थों के द्वारा सुखाया जाता है | ये रसायन शरीर के लिए हानिकारक होते है | अत: उपयोग करने से पहले खजूर को अच्छी तरह से धों लें | धोकर सुखाने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है |
होली के बाद खजूर खाना हितकारी नहीं है।
Diabities वाले खजूर की जगह पर किशमिश का उपयोग करना |
*पंचक*
07 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार को सुबह 05:07 बजे से 11 दिसम्बर 2024 दिन बुधवार को दोपहर 11:48 बजे तक।
*एकादशी*
26 नवम्बर 2024 दिन मंगलवार उत्पत्ति एकादशी व्रत सर्वे।
11 दिसम्बर 2024 बुधवार मोक्षदा एकादशी व्रत (गृहस्थ)।
12 दिसम्बर 2024दिन गुरुवार मोक्षदा एकादशी व्रत (वैष्णव)।
*प्रदोष*
28 नवम्बर 2024 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत।
29 नवम्बर 2024 दिन शुक्रवार मासिक शिव रात्रि ।
13 दिसम्बर 2023 दिन शुक्रवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
14 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार व्रत पूर्णिमा।
15 दिसम्बर 2024 दिन रविवार स्नान दान पूर्णिमा।
*अमावस्या*
30 नवम्बर 2024 दिन शनिवार पितृकार्य अमावस्या।
01 दिसम्बर 2024 दिन रविवार देव कार्य अमावस्या।

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