*दिनांक – 23 जनवरी 2025*
*दिन – गुरूवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत -1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर ॠतु*
*मास – माघ (गुजरात-महाराष्ट्र पौष)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – नवमी शाम 05:37 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र – विशाखा 24 जनवरी प्रातः 05:08 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*योग – गण्ड 24 जनवरी प्रातः 05:07 तक तत्पश्चात वृद्धि*
*राहुकाल – दोपहर 02:14 से शाम 03:37 तक*
*सूर्योदय 06:38*
*सूर्यास्त – 05:22*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे*
*अग्निवास*
24+05+01=30÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
24+24+5=53÷7 =04 सभायाम वासे।
व्रत पर्व विवरण –
विशेष- नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*करेला सेवन*
हफ्ते में एक दिन करेला खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है (कड़वा रस भी शरीर के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है)
*कालसर्प दोष से मुक्ति*
‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ जप करें तो कालसर्प दोष की शांति हो जाती है |
विषम संख्या ३ बार, ७ बार, ११ बार, २१ बार, ३१ बार, ५१ बार, १०१ बार विषम संख्या में जप करने से – ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’, किसी को कालसर्प दोष हो तो उसी को बता देना |
*घर में शांति आने का अद्भुत चमत्कार*
शुद्ध घी या तिल के तेल का दीपक जलाकर गहरा श्वास लेके रोकें फिर ‘ॐ तं नमामि हरिं परम् |’ मंत्र बोले | ऐसा १५ – २० मिनट नियत समय, नियत स्थान पर कुटुम्ब के सभी लोग करें | ३ – ४ दिन में अद्भुत चमत्कार होगा, घर में शांति होगी |
*पंचक*
30 जनवरी 2025 गुरुवार साय 06:35 बजे से 03 फरवरी 2025 दिन सोमवार रात्रि 11: 17बजे तक।
*एकादशी*
25 जनवरी 2025 दिन शनिवार षट्तिला एकादशी।
08 फरवरी 2025 दिन शनिवार जया एकादशी ।
*प्रदोष*
27 जनवरी 2025 दिन सोमवार प्रदोष व्रत। (मासिक शिव रात्रि)।
10 फरवरी 2025 दिन सोमवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
29 जनवरी 2025 दिन बुधवार देव पितृकार्य माघी मौनी अमावस्या।
*पूर्णिमा*
12 फरवरी 2025 दिन बुधवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*