आज का पंचांग
दिनांक – 23 अगस्त 2024
दिन – शुक्रवार*
संवत्सर –काल युक्त*
शक संवत – 1946*
विक्रम संवत् – 2081*
कलि युगाब्द –5126*
अयन – दक्षिणायन*
ऋतु – शरद*
मास – भाद्रपद*
पक्ष – कृष्ण*
तिथि – चतुर्थी प्रातः 10:38 तक तत्पश्चात पंचमी*
नक्षत्र – रेवती शाम 07:54 तक तत्पश्चात अश्विनी*
योग – शूल प्रातः 09:31 तक, तत्पश्चात गंड प्रातः 06:09 अगस्त 24 तक, तत्पश्चात वृद्धि*
राहु काल – प्रातः 11:06 से दोपहर 12:42 तक*
सूर्योदय – 05:38*
सूर्यास्त – 06:22*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*अग्निवास*
19+06+01=26÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
19+19+5=43÷7 =01 कैलाश वासे।
व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थ सिद्धि योग (पूर्ण रात्रि तक), अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:19 से शाम 07:54 तक)
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है व पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
सुखमय जीवन के सोपान-स्वाति के मोती
कलियुग से बचने के लिए हरेक भाई-बहन को नल-दमयंती की कथा पढ़नी चाहिए । नल-दमयंती की कथा पढ़ने से कलियुग का असर नही होगा, बुद्धि शुद्ध होगी ।
गाय की सेवा करने से सब कामनाएं सिद्ध होती है । गाय को सहलाने से, उसकी पीठ आदि पर हाथ फेरने से वह प्रसन्न होती है । असाध्य रोगों में लगभग ६-१२ महीने यह प्रयोग करना चाहिए ।
कहीं जाते समय रास्ते में गाय आ जाय तो उसे अपनी दाहिनी तरफ करके निकालना चाहिए । दाहिनी तरफ करने से उसकी परिक्रमा हो जाती है ।
रोगी व्यक्ति कुछ भी खा-पी न सके तो गेहूँ आदि अग्नि में डालकर उसका धुआँ देना चहिये । उस धुएँ से रोगी को पुष्टि मिलती है ।
मरणासन्न व्यक्ति के सिरहाने गीता जी रखें । दाह-संस्कार के समय उस ग्रन्थ को गंगाजी में बहा दें, जलाये नहीं ।
मृतक के अग्नि-संस्कार की शुरआत तुलसी की लकड़ियों से करें अथवा उसके शरीर पर थोड़ी सी तुलसी की लकड़ियाँ बिछा दें, इससे दुर्गति से रक्षा होती है ।
घर में किसी की मृत्यु होने पर सत्संग, मंदिर और तीर्थ – इन तीनों में शोक नहीं करना चाहिए अर्थात इन तीनों जगह जरुर जाना चाहिए ।
*हलषष्ठीव्रत*
25 अगस्त 2024 दिन रविवार को हलषष्ठी (ललही छठ) व्रत किया जायेगा।
*जन्माष्टमी*
26 अगस्त 2024 दिन सोमवार जन्माष्टमी व्रत स्मार्त।
27 अगस्त 2024 दिन मंगलवार जन्माष्टमी व्रत वैष्णव।
*हरतालिका तीज व्रत*
06सितम्बर 2024 हरतालिका तीज व्रत।
*पंचक*
16 सितम्बर 2024 सोमवार को सुबह 05:45 बजे से 20 सितम्बर 2024 दिन शुक्रवार को सुबह 05:15 बजे तक।
*एकादशी*
29 अगस्त 2024 अजा एकादशी व्रत स्मार्त।
30 अगस्त 2024 अजा एकादशी व्रत वैष्णव।
14 सितम्बर 2024 पद्मा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
31 अगस्त 2024 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
15 सितम्बर 2024 दिन रविवार प्रदोष व्रत।
01सितम्बर 2024 दिन रविवार (मासिक शिव रात्रि)।
*पूर्णिमा*
17 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार अनंत चतुर्दशी व्रत पूर्णिमा।
पूर्णिमा श्राद्ध।
18 सितम्बर 2024 दिन बुधवार स्नान दान पूर्णिमा।
प्रतिपदा श्राद्ध।
*अमावस्या*
02 सितम्बर 2024 दिन सोमवार पितृकार्ये (सोमवती अमावस्या) ।
03 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार देव कार्ये (भौमवती अमावस्या)।
*पंo वेदान्त अवस्थी*