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आज का पंचांग 22 अगस्त 2024

By Janhit TV

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आज का पंचांग
दिनांक – 22 अगस्त 2024*
दिन – गुरूवार*
संवत्सर –काल युक्त*
शक संवत –1946*
विक्रम संवत् – 2081*
कलि युगाब्द–5126*
अयन – दक्षिणायन*
ऋतु – वर्षा*
मास – भाद्रपद*
पक्ष – कृष्ण*
तिथि – तृतीया दोपहर 01:46 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
नक्षत्र – उत्तराभाद्रपद रात्रि 10:05 तक तत्पश्चात रेवती*
योग – धृति दोपहर 01:11 तक तत्पश्चात शूल*
*राहु काल – दोपहर 02:18 से दोपहर 03:54 तक*
*सूर्योदय – 05:37*
*सूर्यास्त – 06:23*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*अग्निवास*
18+05+01=24÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
18+18+5=41÷7 =06 क्रीड़ा याम वासे।
व्रत पर्व विवरण – कजरी तीज, बहुला चतुर्थी, हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी, सर्वार्थ सिद्धि योग (रात्रि 10:05 से प्रातः 06:19 अगस्त 23 तक)*
विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रु वृद्धि करता है व चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*स्वास्थ्य-रक्षा के सरल प्रयोग*

जिनको सिरदर्द होता हो अथवा रात को ११ से २ के बीच की नींद टूटती हो, नकसीर फूटती हो, उन सबके लिए एक प्रयोग है – धनिया, आँवला और मिश्री समभाग कूटकर रख दो । १० ग्राम रात को भिगा लो, सुबह मसलकर पी लो । सुबह भिगा दो, शाम को पी लो । नींद बढ़िया आयेगी, पेट साफ रहेगा, आँखों की जलन, मासिक की अधिकता, फोड़े-फुंसी सब शांत हो जायेंगे । मूत्रदाह तथा स्वप्नदोष से भी रक्षा होगी । जिनको नकसीर की तकलीफ है (नाक फूटती है), उन लोगों के लिए भी यह प्रयोग आशीर्वादरूप है ।
नकसीर : हरे धनिये अथवा तुलसी के रस की २-३ बूँदें नाक में डालें । सुबह-शाम त्रिफला का सेवन करें । इससे २-४ दिन में आराम होता है ।
तरबूज खाने अथवा उसका रस पीने से भी नकसीर में आराम होता है ।
फोड़े-फुंसियाँ : पालक, गाजर और ककड़ी तीनों मिलाकर उसका रस ले लें अथवा हरे नारियल का पानी पियें । इससे फोड़े-फुंसियाँ दूर होते हैं । भोजन में नमक कम मात्रा में लें ।
*गुरुवार विशेष *

हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।
गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें ।
एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।

गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।

गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।

*पंचक*
19 अगस्त 2024 दिन सोमवार साय 07:01 बजे से 23 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को साय 07:54 बजे तक।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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