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आज का पंचांग 1 दिसंबर 2024

By Janhit TV

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*~आज का पञ्चाङ्ग ~*
*दिनांक – 01 दिसम्बर 2024*
*दिन – रविवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत -1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – हेमंत ॠतु*
*मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – अमावस्या सुबह 11:50 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र – अनुराधा दोपहर 02:24 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*योग – सुकर्मा शाम 04:034 तक तत्पश्चात धृति*
*राहुकाल – शाम 04:34 से शाम 05:56 तक*
*सूर्योदय –06:43*
*सूर्यास्त – 05:17*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
*अग्निवास*
30+01+01=32÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
30+30+5=65÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
*व्रत पर्व विवरण – मार्गशीर्ष अमावस्या*
विशेष- अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
*आर्थिक परेशानी रहती हो तो*
जिनके घर में हमेशा पैसो का अभाव रहता है , गरीबी रहती है – वराह पुराण में बताया है कि मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (02 दिसम्बर 2024 सोमवार को) सुबह जल्दी भगवान विष्णु के कुछ नाम जप करें …. दीप आदि जला कर और मानसिक पूजन करें :
*ॐ वैश्वा नराय नमः*
*ॐ अग्नये नमः*
*ॐ हवीर भुजे नमः*
*ॐ द्रवीणोदाय नमः*
*ॐ समवरताय नमः*
*ॐ ज्वलनाय नमः*

*सर्दियों में ख़ास गोमूत्र पान*
शरीर की पुष्टि के साथ शुद्धि भी आवश्यक है | गोमूत्र शरीर के सूक्ष्म-अतिसूक्ष्म स्त्रोतों में स्थित विकृत दोष को मल–मुत्रादि के द्वारा बाहर निकाल देता है | इसमें स्थित कार्बोलिक एसिड कीटाणुओं व हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है | इससे रोगों का समूल उच्चाटन करने में सहायता मिलती है | गोमूत्र में निहित स्वर्णक्षार रसायन का कार्य करते है | अत: गोमूत्र के द्वारा शरीर की शुद्धि व पुष्टि दोनों कार्य पूर्ण होते है |
सेवन विधि : प्रात: २५ से ४० मि.ली. (बच्चों को १०–१५ मि.ली.) गोमूत्र कपडे से सात बार छानकर पियें | इसके बाद २–३ घंटे तक कुछ न लें | ताम्रवर्णी गाय अथवा बछड़ी का मूत्र सर्वोत्तम माना गया है |
विशेष : सुबह गोमूत्र में १०–१५ मि.ली. गिलोय का रस (अथवा २–३ ग्राम चूर्ण) मिलाकर पीना उत्कृष्ट रसायन है |
ताजा गोमूत्र न मिलने पर गोझरण अर्क का प्रयोग करें | १०–१२ मि.ली. (बच्चों को ५–१० मि.ली.) गोझरण अर्क में पानी मिलाकर लें |

*पंचक*
07 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार को सुबह 05:07 बजे से 11 दिसम्बर 2024 दिन बुधवार को दोपहर 11:48 बजे तक।
*एकादशी*
12 दिसम्बर 2024दिन गुरुवार मोक्षदा एकादशी व्रत (वैष्णव)।
*प्रदोष*
13 दिसम्बर 2023 दिन शुक्रवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
14 दिसम्बर 2024 दिन शनिवार व्रत पूर्णिमा।
15 दिसम्बर 2024 दिन रविवार स्नान दान पूर्णिमा।
*अमावस्या*
30 नवम्बर 2024 दिन शनिवार पितृकार्य अमावस्या।
01 दिसम्बर 2024 दिन रविवार देव कार्य अमावस्या।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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