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आज का पंचांग 19 सितंबर 2024

By Janhit TV

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आज का पंचांग
*दिनांक – 19 सितम्बर 2024*
*दिन – गुरूवार*
*संवत्सर –काल युक्त*
*संवत्सर –1946*
*विक्रम संवत् – 2081*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शरद*
*मास – आश्विन*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – द्वितीया रात्रि 12:39 सितम्बर 20 तक तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद प्रातः 08:04 तक तत्पश्चात रेवती प्रातः 05:15 सितम्बर 20 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*योग – वृद्धि शाम 07:19 तक तत्पश्चात ध्रुव*
*राहु काल – दोपहर 02:05 से दोपहर 03:36 तक*
*सूर्योदय – 05:56*
*सूर्यास्त – 06:04*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*अग्निवास*
17+05+01=23÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
17+17+5=39÷7 =04 सभायाम वासे।
*व्रत पर्व विवरण – द्वितीया श्राद्ध, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 08:04 से प्रातः 06:28 सितम्बर 20 तक)*
विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*स्नान कैसे करना चाहिये ??*
जहाँ से प्रवाह आता हो वहाँ पहले सिर की डुबकी मारें । घर में भी स्नान करे तो पहले जल सिर पर डालें…. पैरों पर पहले नहीं डालना चाहिए । शीतल जल सिर को लगने से सिर की गर्मी पैरों के तरफ जाती है ।
और जहाँ जलाशय है, स्थिर जल है वहाँ सूर्य पूर्वमुखी होकर स्नान करें ।
घर में स्नान करें तो उस बाल्टी के पानी में जौ और तिल अथवा थोड़ा गोमूत्र अथवा तिर्थोद्क पहले (गंगाजल आदि) डाल कर फिर बाल्टी भरें तो घर में भी तीर्थ स्नान माना जायेगा ।

*गुरुवार विशेष*
हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।

*गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*
एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।

*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।

पितृ-पक्ष कैलेंडर 2024 (तिथि अनुसार श्राद्ध)*

*(श्राद्ध पक्ष – 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2024)*

*17 सितम्बर* 2024, मंगलवार- *पूर्णिमा* का श्राद्ध *महालय श्राद्धारम्भ*
*18 सितम्बर* 2024, बुधवार – *प्रतिपदा* का श्राद्ध
*19 सितम्बर* 2024, गुरुवार – *द्वितीया* का श्राद्ध
*20 सितम्बर* 2024, शुक्रवार – *तृतीया* का श्राद्ध
*21 सितम्बर* 2024, शनिवार – *चतुर्थी* का श्राद्ध
*22 सितम्बर* 2024, रविवार – *पंचमी* का श्राद्ध
*23 सितम्बर* 2024, सोमवार – *षष्ठी व सप्तमी* का श्राद्ध
*24 सितम्बर* 2024, मंगलवार – *अष्टमी* का श्राद्ध
*25 सितम्बर* 2024, बुधवार – *नवमी* का श्राद्ध
*26 सितम्बर* 2024, गुरुवार – *दशमी* का श्राद्ध
*27 सितम्बर* 2024, शुक्रवार – *एकादशी* का श्राद्ध
*29 सितम्बर* 2024, रविवार – *द्वादशी* का श्राद्ध
*30 सितम्बर* 2024, सोमवार – *त्रयोदशी* का श्राध्द
*1 अक्टूबर* 2024, मंगलवार- *चतुर्दर्शी* का श्राध्द *आग-दुर्घटना-अस्त्र-शस्त्र-* अपमृत्यु से मृतक का श्राद्ध
*2 अक्टूबर* 2024, बुधवार – *अमावश्या* का श्राध्द व *सर्वपित्री अमावस्या* (अज्ञात तिथीवालों का श्राध्द)

*पंचक*
16 सितम्बर 2024 सोमवार
सुबह 05:45 बजे से 20 सितम्बर 2024 दिन शुक्रवार को सुबह 05:15 बजे तक।
*
पंo वेदान्त अवस्थी*

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