*आज का पंचांग*
*दिनांक – 19 अगस्त 2024*
*दिन – सोमवार*
*संवत्सर –काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – वर्षा ॠतु*
*मास – श्रावण*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – पूर्णिमा रात्रि 11:55 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र – श्रवण रात्रि 08:10 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*योग – शोभन रात्रि 12:47 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*राहुकाल – सुबह 07:20 से सुबह 08:57 तक*
*सूर्योदय – 05:34*
*सूर्यास्त – 06:26*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
व्रत पर्व विवरण – व्रत पूर्णिमा, श्रावणी पूर्णिमा, नारियली पूर्णिमा, रक्षाबंधन, श्रावणी उपाकर्म, ऋग्वेद -यजुर्वेद-अथर्ववेद उपाकर्म, पूर्णिमांत श्रावण मास समाप्त, संस्कृत दिवस, पंचक (आरंभ :रात्रि 07:00)
विशेष – पूर्णिमा एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
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*रक्षाबंधनः संकल्पशक्ति का प्रतीक*
रक्षाबंधन के दिन बहन भैया के ललाट पर तिलक-अक्षत लगाकर संकल्प करती है कि ‘मेरा भाई भगवत्प्रेमी बने। जैसे शिवजी त्रिलोचन हैं, ज्ञानस्वरूप हैं, वैसे ही मेरे भाई में भी विवेक-वैराग्य बढ़े, मोक्ष का ज्ञान, मोक्षमय प्रेमस्वरूप ईश्वर का प्रकाश आये। मेरा भाई धीर-गम्भीर हो। मेरे भैया की सूझबूझ, यश, कीर्ति और ओज-तेज अक्षुण्ण रहे।’ भाई सोचे कि ‘हमारी बहन भी चरित्रप्रेमी, भगवत्प्रेमी बने।’
इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से वर्ष भर मनुष्य रक्षित हो जाता है। (भविष्य पुराण)
रक्षाबंधन के पर्व पर बहन भाई को आयु, आरोग्य पुष्टि की बृद्धि की भावना से राखी बाँधती है। अपना उद्देश्य ऊँचा बनाने का संकल्प लेकर ब्राह्मण लोग जनेऊ बदलते हैं।
समुद्र का तूफानी स्वभाव श्रावणी पूनम के बाद शांत होने लगता है। इससे जो समुद्री व्यापार करते हैं, वे नारियल फोड़ते हैं।
*क्या करें क्या न करें पुस्तक से*
*पंचक*
19 अगस्त 2024 दिन सोमवार साय 07:01 बजे से 23 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को साय 07:54 बजे तक।
*पूर्णिमा*
19 अगस्त 2024 दिन सोमवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा भद्रोपरांत रक्षा बंधन ।
*पंo वेदान्त अवस्थी*