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आज का पंचांग 14 अक्टूबर 2024

By Janhit TV

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*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 14 अक्टूबर 2024*
*दिन – सोमवार*
*संवत्सर –काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शरद ॠतु*
*मास – अश्विन*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – एकादशी सुबह 06:41 तक द्वादशी*
*नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 12:43 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
*योग – गण्ड शाम 06:01 तक तत्पश्चात वृद्धि*
*राहुकाल – सुबह 07:34 से सुबह 09:01 तक*
*सूर्योदय – 06:15*
*सूर्यास्त – 05:45*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
व्रत पर्व विवरण – त्रिस्पृशा पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी (भागवत), पंचक द्वादशी क्षय तिथि
विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
*वास्तु शास्त्र*
गुलाब, चंपा व चमेली के पौधे घर में लगाना अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे मानसिक तनाव व अवसाद में कमी आती है।
*शरद पूर्णिमा*
*16 अक्टूबर 2024 बुधवार को शरद पुर्णिमा है।*
शरद पूर्णिमा रात्रि में चन्द्रमा की किरणों में रखी हुई दूध – चावल की खीर का सेवन पित्तशामक व स्वास्थ्यवर्धक है | इस रात को सुई में धागा पिरोने से नेत्रज्योति बढ़ती है |
*शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति*
शरद पूनम रात को आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है । इसलिए सबको इस रात को जागरण करना चाहिए अर्थात जहाँ तक संभव हो सोना नही चाहिए और इस पवित्र रात्रि में जप, ध्यान, कीर्तन करना चाहिए ।
*शरद पूनमः चन्द्र-दर्शन शुभ*
इस रात को हजार काम छोड़कर 15 मिनट चन्द्रमा को एकटक निहारना। एक-आध मिनट आँखें पटपटाना। कम-से-कम 15 मिनट चन्द्रमा की किरणों का फायदा लेना, ज्यादा करो तो हरकत नहीं। इससे 32 प्रकार की पित्तसंबंधी बीमारियों में लाभ होगा, शांति होगी।
फिर छत पर या मैदान में विद्युत का कुचालक आसन बिछाकर लेटे-लेटे भी चंद्रमा को देख सकते हैं।
जिनको नेत्रज्योति बढ़ानी हो वे शरद पूनम की रात को सुई में धागा पिरोने की कोशिश करें।
इस रात्रि में ध्यान-भजन, सत्संग कीर्तन, चन्द्रदर्शन आदि शारीरिक व मानसिक आरोग्यता के लिए अत्यन्त लाभदायक है।
🌙 शरद पूर्णिमा की शीतल रात्रि में (9 से 12 बजे के बीच) छत पर चन्द्रमा की किरणों में महीन कपड़े से ढँककर रखी हुई दूध-पोहे अथवा दूध-चावल की खीर अवश्य खानी चाहिए। देर रात होने के कारण कम खायें, भरपेट न खायें, सावधानी बरतें।
*क्या करें क्या न करें पुस्तक से*
*पंचक*
13 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को साय 03:44 बजे से 17 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार साय 04:20 बजे तक।
*प्रदोष*
15 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
16 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार व्रत पूर्णिमा।
17 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार स्नान दान पूर्णिमा कार्तिक स्नान प्रारम्भ।

*पंo वेदान्त अवस्थी*

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