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आज का पंचांग 13 नवंबर 2024

By Janhit TV

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*~ आज का पञ्चाङ्ग~*
*दिनांक – 13 नवम्बर 2024*
*दिन – बुधवार*
*संवत्सर –काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत -1946*
*कलि युगाब्द –5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शरद ॠतु*
*मास – कार्तिक*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – द्वादशी दोपहर 01:01 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र – रेवती 14 नवम्बर रात्रि 03:11 तक तत्पश्चात अश्वनी*
*योग – वज्र शाम 03:26 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*राहुकाल – दोपहर 12:23 से दोपहर 01:47 तक*
*सूर्योदय –06:35*
*सूर्यास्त – 5:25*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*अग्निवास*
12+04+01=17÷4=01 स्वर्ग लोक में।
*शिववास*
12+12+5=29÷7 =01 कैलाश वासे।
*व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत,तुलसी विवाह प्रारंभ,पंचक*
विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

*व्यतिपात योग*
14 नवम्बर 2024 गुरुवार को दोपहर 11:10 से 15 नवम्बर, शुक्रवार को सुबह 07:30 तक व्यतिपात योग है।
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
*वैकुंठ चतुर्दशी के दिन सुख समृद्धि बढ़ाने*
*14 नवम्बर 2024 को वैकुंठ चतुर्दशी है |*
देवीपुराण के अनुसार इस दिन जौ के आटे की रोटी बनाकर माँ पार्वती को भोग लगाया जाता है और प्रसाद में वो रोटी खायी जाती है | माँ पार्वती को भोग लगाकर जौ की रोटी प्रसाद में जो खाते है उनके घर में सुख और संम्पति बढती जायेगी, ऐसा देवीपुराण में लिखा है | वैकुंठ चतुर्दशी के दिन अपने-अपने घर में जौ की रोटी बनाकर माँ पार्वती को भोग लगाते समय ये मंत्र बोले –
*ॐ पार्वत्यै नम:*
*ॐ गौरयै नम:*
*ॐ उमायै नम:*
*ॐ शंकरप्रियायै नम:*
*ॐ अंबिकायै नम:*
माँ पार्वती का इन मंत्रों से पूजन करके जौ की रोटी का भोग उनको लगायें, फिर घर में सब रोटी खायें | जौ का दलिया, जौ के आटे की रोटी खानेवाले जब तक जियेंगे तब तक उनकी किडनी बढ़िया रहेंगी, किडनी कभी ख़राब नहीं होगी | शरीर में कही भी सूजन हो किडनी में सूजन, लीवर में सूजन, आतों में सूजन है तो जौ की रोटी खायें, इससे सब तकलीफ दूर हो जाती है |
*तुलसी*
*ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खण्ड के अनुसार*
*सुधाघटसहस्रेण सा तुष्टिर्न भवेद्धरेः।*
*या च तुष्टिर्भवेन्नृणां तुलसीपत्रदानतः।।*
*गवामयुतदानेन यत्फलं लभते नरः।*
*तुलसीपत्रदानेन तत्फलं लभते सति।।*
हजारों घड़े अमृत से नहलाने पर भी भगवान श्रीहरि को उतनी तृप्ति नहीं होती है, जितनी वे मनुष्यों के तुलसी का एक पत्ता चढ़ाने से प्राप्त करते हैं।दस हजार गोदान से मानव जो फल प्राप्त करता है, वही फल तुलसी-पत्र के दान से पा लेता है।
*ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार*
जो पुरुष कार्तिक मास में श्रीहरि को तुलसी अर्पण करता है, वह पत्र-संख्या के बराबर युगों तक भगवान के धाम में विराजमान होता है। फिर उत्तम कुल में उसका जन्म होता और निश्चित रूप से भगवान के प्रति उसके मन में भक्ति उत्पन्न होती है, वह भारत में सुखी एवं चिरंजीवी होता है।
*शिबिराम्यन्तरे भद्रा स्थापिता तुलसी नृणाम् ।*
*धनपुत्रप्रदात्री च पुण्यदा हरिभक्तिदा ।।*
*प्रभाते तुलसीं दृष्ट्वा स्वर्णदानफलं लभेत् । ब्रह्मवैवर्तपुराण, श्रीकृष्णजन्मखण्ड, अध्याय 103)*
घरके भीतर लगायी हुई तुलसी मनुष्योंके लिये कल्याणकारिणी, धन – पुत्र प्रदान करनेवाली, पुण्यदायिनी तथा हरिभक्ति देनेवाली होती है । प्रातःकाल तुलसीका दर्शन करनेसे सुवर्ण – दानका फल प्राप्त होता है।

*पंचक*
09 नवम्बर 2024 दिन शनिवार को रात्रि 11:28 बजे से 13 नवम्बर 2024 दिन बुधवार को रात्रि 03: 11बजे तक।
*प्रदोष*
13 नवम्बर 2024 दिन बुधवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
15 नवम्बर 2024 दिन शुक्रवार स्नान दान, व्रत पूर्णीमा, गुरुनानक जयंती, कार्तिक स्नान पूर्ण।

*पंo वेदान्त अवस्थी*

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