आज का पंचांग
दिनांक – 12 अगस्त 2024
दिन – सोमवार*
संवत्सर –काल युक्त*
शक संवत –1946*
विक्रम संवत् – 2081*
कलि युगाब्द –5126*
अयन – दक्षिणायन*
ऋतु – वर्षा*
मास -श्रावण*
पक्ष – शुक्ल*
तिथि – सप्तमी प्रातः 07:55 तक तत्पश्चात अष्टमी*
नक्षत्र – स्वाति प्रातः 08:33 तक तत्पश्चात विशाखा*
योग – शुक्ल शाम 04:26 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
राहु काल – प्रातः 07:52 से प्रातः 09:30 तक*
सूर्योदय – 05:30*
सूर्यास्त – 06:30*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
अग्निवास*
08+02+01=11÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
शिववास*
08+08+5=21÷7 =00 श्मशान वासे।
व्रत पर्व विवरण – चौथा श्रावण सोमवार व्रत
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*मंत्र से आरोग्यता*
शब्दों की ध्वनि का अलग-अलग अंगों पर एवं वातावरण पर असर होता है । कई शब्दों का उच्चारण कुदरती रूप से होता है । आलस्य के समय कुदरती आ… आ… होता है । रोग की पीड़ा के समय ॐ…. ॐ…. का उच्चारण कुदरती ऊँह…. ऊँह…. के रूप में होता है । यदि कुछ अक्षरों का महत्त्व समझकर उच्चारण किया जाय तो बहुत सारे रोगों से छुटकारा मिल सकता है ।
‘अ’ उच्चारण से जननेन्द्रिय पर अच्छा असर पड़ता है ।*
‘आ’ उच्चारण से जीवनशक्ति आदि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है । दमा और खाँसी के रोग में आराम मिलता है, आलस्य दूर होता है ।
‘इ’ उच्चारण से कफ, आँतों का विष और मल दूर होता है । कब्ज, पेड़ू के दर्द, सिरदर्द और हृदयरोग में भी बड़ा लाभ होता है । उदासीनता और क्रोध मिटाने में भी यह अक्षर बड़ा फायदा करता है ।
‘ओ’ उच्चारण से ऊर्जाशक्ति का विकास होता है ।*
‘म’ उच्चारण से मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं। शायद इसीलिए भारत के ऋषियों ने जन्मदात्री के लिए ‘माता’ शब्द पसंद किया होगा ।
‘ॐ’ का उच्चारण करने से ऊर्जा प्राप्त होती है और मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं । मस्तिष्क, पेट और सूक्ष्म इन्द्रियों पर सात्त्विक असर होता है ।
‘ह्रीं’ उच्चारण करने से पाचन-तंत्र, गले और हृदय पर अच्छा प्रभाव पड़ता है ।
‘ह्रं’ उच्चारण करने से पेट, जिगर, तिल्ली, आँतों और गर्भाशय पर अच्छा असर पड़ता है ।
*सोमवार विशेष*
*कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु*
जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।
सोमवार को बाल कटवाने से शिवभक्ति की हानि होती है ।
सोमवार को तथा दोपहर के बाद बिल्वपत्र न तोड़ें ।
*कपड़ों का स्वाथ्य पर प्रभाव*
कृत्रिम (सिंथेटिक) वस्त्र न पहनें । बहुत कसे हुए, नायलॉन आदि कृत्रिम तंतुओं से बने हुए तथा चटकीले-भड़कीले गहरे रंग के कपड़े तन-मन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं व जीवनी शक्ति का ह्रास करते हैं । तंग कपड़ों से रोमकूपों को शुद्ध हवा नहीं मिलती व रक्त-संचरण में बाधा पड़ती है । ढीले-ढाले सूती वस्त्र स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम होते हैं ।
सर्दियों में गर्म कपड़े पहनें लेकिन जो कपड़ों पर कपड़े लादे रहते हैं वे प्रकृति से विरूद्ध जीते हैं, तन-मन से ढीले-ढाले हो जाते हैं । गर्मियों में पहनावा हलका-फुलका, ढीला-ढाला, सूती और सफेद हो ।”
*पंचक*
19 अगस्त 2024 दिन सोमवार साय 07:01 बजे से 23 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को साय 07:54 बजे तक।
*एकादशी*
16 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार पवित्रा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
17 अगस्त 2024 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
19 अगस्त 2024 दिन सोमवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा भद्रोपरांत रक्षा बंधन।
*पंo वेदान्त अवस्थी