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आज का पञ्चाङ्ग दिनांक – 07 जून 2025*

By Janhit TV

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*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 07 जून 2025*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
*शक संवत -1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
*मास – ज्येष्ठ*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – द्वादशी पूर्ण रात्रि तक*
*नक्षत्र – चित्रा सुबह 09:40 तक तत्पश्चात स्वाती*
*योग – वरीयान सुबह 11:18 तक तत्पश्चात परिघ*
*राहुकाल – सुबह 09:17 से सुबह 10:57 तक*
*सूर्योदय – 05:15*
*सूर्यास्त – 06:45*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
12+07+01=20÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
12+12+5=29÷7 =01 कैलाश वासे।
*व्रत पर्व विवरण – निर्जला एकादशी (भागवत),द्वादशी वृद्धि तिथि*
विशेष- द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
*निर्जला एकादशी*
07 जून 2025 शनिवार को निर्जला एकादशी (भागवत) है।
निर्जला एकादशी व्रत से अधिक मास सहित २६ एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त होता है । इस दिन किया गया स्नान, दान जप, होम आदि अक्षय होता है।
*बहूपयोगी औषधि – सोंठ*
जब अदरक सूख जाता है तब उसकी सोंठ बनती है | सोंठ पाचनतंत्र के लिए अत्यंत उपयोगी है | यह सारे शरीर के संगठन को सुधारती है, मनुष्य की जीवनशक्ति और रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है | यह आम, कफ व वात नाशक है | गठिया, दमा, खाँसी, कब्जियत, उल्टी, सूजन, ह्रदयरोग, पेट के रोग और वातरोगों को दूर करती है |
*औषधीय प्रयोग*
वातनाशक गोलियाँ : सोंठ के चूर्ण में समभाग गुड़ और थोडा – सा घी डाल के २- २ ग्राम की गोलियाँ बना लें | १ -२ गोली सुबह लेने से वायु और वर्षाकालीन जुकाम से रक्षा होती है | बारिश में सतत भीगते – भीगते काम करनेवाले किसानों और खेती के काम में लगे मजदूरों के लिए यह अत्यंत लाभदायक है | इससे शारीरिक शक्ति व फूर्ती बनी रहती है |
सिरदर्द : सोंठ को पानी के साथ घिसलें | इसका लेप माथे पर करने से कफजन्य सिरदर्द में राहत मिलती है |
मन्दाग्नि : सोंठ का आधा चम्मच चूर्ण थोड़े – से गुड़ में मिलाकर कुछ दिन प्रात:काल लेने से जठराग्नि तेज हो जाती है और मन्दाग्नि दूर होती है |
कमर दर्द व गठिया : सोंठ को मोटा कूट लें | १ चम्मच सोंठ २ कप पानी में डाल के उबालें | जब आधा कप पानी बचे तो उतार के छान लें | इसमें २ चम्मच अरंडी – तेल डाल के सुबह पियें | दर्द में राहत होने तक हफ्तें में २ -३ दिन यह प्रयोग करें |
*पुराना जुकाम*
१) ५ ग्राम सोंठ १ लीटर पानी में उबालें | दिन में ३ बार यह गुनगुना करके पीने से पुराने जुकाम में लाभ होता है |
२) पीने के पानी में सोंठ का टुकड़ा डालकर वह पानी पीते रहने से पुराना जुकाम ठीक होता है | ( सोंठ के टुकड़े को प्रतिदिन बदलते रहें | )
सर्दी – जुकाम : ५ ग्राम सोंठ चूर्ण, १० ग्राम गुड़ और १ चम्मच घी को मिलालें | इसमें थोडा -सा पानी डालके आग पर रखके रबड़ी जैसा बना लें | प्रतिदिन सुबह लेने से ३ दिन में ही सर्दी – जुकाम मिट जाता है |
सावधानी – रक्तपित्त की व्याधि में तथा पित्त प्रकृतिवाले ग्रीष्म व शरद ऋतु में सोंठ का उपयोग न करें |
*एकादशी*
06 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत गृहस्थ।
07 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत निम्बा (वैष्णव)।
*प्रदोष व्रत*
08 जून 2025 रविवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
10 जून 2025 दिन मंगलवार व्रत पूर्णिमा ।
11 जून 2025 दिन बुधवार स्नान दान पूर्णिमा।

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