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आज का पंचांग 9 मार्च 2025

By Janhit TV

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आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 09 मार्च 2025*
*दिन – रविवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत् – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – दशमी प्रातः 07:45 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र – पुनर्वसु रात्रि 11:55 तक तत्पश्चात पुष्य*
*योग – सौभाग्य दोपहर 02:59  तक तत्पश्चात शोभन*
*राहु काल – शाम 05:17 से शाम 06:46 तक*
*सूर्योदय – 06:09*
*सूर्यास्त – 05:51*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*अग्निवास*
10+01+01=12÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
10+10+5=25÷7 =04 सभायाम वासे।
*व्रत पर्व विवरण – रविपुष्य योग, सर्वार्थसिद्धि योग (दोपहर 11:55 से सूर्योदय मार्च 10 तक)*
विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है एवं रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

*एकादशी के दिन चावल खाना निषिद्ध क्यों ?*

वात-पित्त-कफजनित दोष अथवा समय-असमय खाये हुए अन्न आदि के जो दोष १४ दिन में इकट्ठे होते हैं, १५वें दिन एकादशी का व्रत रखा तो वे दोष निवृत्त होते हैं । जो विपरीत रस या कच्चा रस नाड़ियों में पड़ा है, जो बुढ़ापे में मुसीबत देगा, व्रत उसको नष्ट कर देता है । इससे शरीर जल्दी रोगी नहीं होगा । एकादशी को चावल खाने से स्वास्थ्य – हानि, पापराशि की वृद्धि कही गयी है । एक एक चावल एक एक कीड़े खाने का पाप लगता है ।

*एकादशी व्रत के लाभ

एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
*एकादशी*
10 मार्च 2025 दिन सोमवार आमलीक एकादशी ।
*प्रदोष*
11 मार्च 2025 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार देव पितृकार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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