*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 07 मार्च 2025*
*दिन – शुक्रवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर ॠतु*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – अष्टमी सुबह 09:18 तक तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र – मृगशिरा रात्रि 11:32 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग – प्रीति शाम 06:15 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*राहुकाल – सुबह 10:51 से दोपहर 12:20 तक*
*सूर्योदय – 06:11*
*सूर्यास्त – 05:49*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
*अग्निवास*
08+06+01=15÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
08+08+5=21÷7 =00 श्मशान वासे।
विशेष- अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*आर्थिक तकलीफ़ हो तो*
किसी को आर्थिक तकलीफ़ हो तो होली की पूनम के दिन एक समय ही खाना खायें, एक वक़्त उपवास करें अथवा तो बिना नमक का भोजन करें होली की रात को खीर बनायें और चंद्रमा को भोग लगाकर उसे दिखा दें चंद्रमा को; एक लोटे में जल लेकर उसमें चावल, शक्कर, कुमकुम, फूल, आदि डाल दें और चंद्रमा को ये मंत्र बोलते हुए अर्घ्य दें;
*दधीशंख: तुषाराभम् क्षीरोरदार्णव संनिभम्*
*नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्*
हे चंद्र देव! भगवान शिवजी ने आपको अपने बालों में धारण किया है, आपको मेरा प्रणाम है।
अगर पूरा मंत्र याद न रहे तो “ॐ सोमाय नमः , ॐ सोमाय नमः” , इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
*होली के दिन पूजा विशेष*
होली के दिन हनुमान जी के पूजा का विशेष विधान है, हो सके तो करना | पूजा का मतलब यह जरूरी नहीं की हनुमान जी के आगे दिया जलायें तब ही वे प्रसन्न होंगे | “श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि”, ” मनोजवं मारुततुल्य वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं | वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्री राम दूतं शरणं प्रपद्ये || ” ऐसी प्रार्थना कर दी, वे राजी हो जायेंगे | होली के दिन एक बार जरूर कर लें, बहुत लाभ होगा |
होली के दिन शास्त्रों में लक्ष्मी माता की पूजा का भी विधान बताया गया है | वह कपूर का दिया जलाकर करें | थोड़ा सा ही कपूर जलायें | होली का पर्व दरिद्रता का नाश करनेवाला पर्व है |
*एकादशी*
10 मार्च 2025 दिन सोमवार आमलीक एकादशी ।
*प्रदोष*
11 मार्च 2025 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार देव पितृकार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*