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आज का पंचांग 6 जून 2025

By Janhit TV

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*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 06 जून 2025*
*दिन – शुक्रवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
*शक संवत -1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
*मास – ज्येष्ठ*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – एकादशी 07 जून प्रातः 04:47 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र – हस्त सुबह 06:34 तक तत्पश्चात चित्रा*
*योग – व्यतीपात सुबह 10:13 तक तत्पश्चात वरीयान*
*राहुकाल – सुबह 10:57 से दोपहर 12:37 तक*
*सूर्योदय – 05:15*
*सूर्यास्त – 06:45*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
*अग्निवास*
11+06+01=18÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
11+11+5=27÷7 =06 क्रीड़ा याम वासे।
*व्रत पर्व विवरण – निर्जला एकादशी (स्मार्त)*
विशेष- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l *राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
*निर्जला-भीम एकादशी*
05 जून, गुरुवार को रात्रि 02:15 यानि (06 जून 02:15 AM) से 07 जून प्रात: 04:47 तक एकादशी है।
विशेष – 06 जून 2025 शुक्रवार को निर्जला-भीम एकादशी (स्मार्त) एवं 07 जून 2025 शनिवार को निर्जला-भीम एकादशी (भागवत) एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।
*निर्णयसिन्धु के प्रथम परिच्छेद में एकादशी के निर्णय में 18 भेद कहे गये हैंl*
कालहेमाद्रि में मार्कण्डेयजी ने कहा है – जब बहुत वाक्य के विरोध से यदि संदेह हो जाय तो एकादशी का उपवास द्वादशी को ग्रहण करे और त्रयोदशी में पारणा करे ।
पद्म पुराण में आता है कि एकादशी व्रत के निर्णय में सब विवादों में द्वादशी को उपवास तथा त्रयोदशी में पारणा करे ।
दशमी मिश्रित एकादशी परित्यज्य है । द्वादशी युक्त एकादशी उपवास योग्य है किन्तु दशमी युक्त एकादशी में कभी भी उपवास नहीं करना चाहिए । – सौरधर्मोत्तर
*द्वादशी मिश्रित एकादशी सर्वदा ही ग्रहण योग्य है । “द्वादशी मिश्रित ग्राह्या सर्वत्रैकादशी तिथिः” – पद्मपुराण*
नारद पुराण में वर्णित है कि जिस समय बहुवाक्य विरोध के कारण संदेह उपस्थित हो उस समय द्वादशी में उपवास करते हुए त्रयोदशी में पारण करना चाहिए।
*एकादशी*
06 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत गृहस्थ।
07 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत निम्बा (वैष्णव)।
*प्रदोष व्रत*
08 जून 2025 रविवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
10 जून 2025 दिन मंगलवार व्रत पूर्णिमा ।
11 जून 2025 दिन बुधवार स्नान दान पूर्णिमा।

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