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आज का पंचांग 31 मार्च 2025

By Janhit TV

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आज का पञ्चाङ्ग
दिनांक – 31 मार्च 2025*
दिन- सोमवार*
संवत्सर – सिद्धार्थ*
विक्रम संवत् – 2082*
शक संवत – 1947*
कलि युगाब्द – 5127*
अयन – उत्तरायण*
ऋतु – बसन्त*
मास – चैत्र*
पक्ष – शुक्ल*
तिथि – द्वितीया सुबह 09:11 तक,  तृतीया प्रातः 05:42 अप्रैल 01 तक तत्पश्चात् चतुर्थी*
नक्षत्र – अश्विनी दोपहर 01:45 तक तत्पश्चात् भरणी*
योग – वैधृति दोपहर 01:46 तक तत्पश्चात् विष्कम्भ*
राहुकाल – सुबह 08:06 से सुबह 09:38 तक*
सूर्योदय – 05:53*
*सूर्यास्त – 06:07*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
02+02+01=05÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
02+02+5=09÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
*व्रत पर्व विवरण – मत्स्य जयंती ,  गणगौर, गौरी पूजा, रमजान ईद*
विशेष – द्वितीया को बृहती, छोटा बैंगन या कटहरी खाना निषिद्ध है एवं तृतीया को परवल खाना शत्रु की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)

चैत्र नवरात्रि विशेष*

नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं । इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है । साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं ।
नवरात्रि की द्वितीया तिथि यानी दूसरे दिन माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं । इससे उम्र लंबी होती है
लक्षमी प्राप्ति साधना

श्रीमद् देवीभागवत में वर्णित नवरात्रि में जप से श्रेष्ठ लक्ष्मीप्राप्ति का दुर्लभ मंत्र ।
नवरात्रि में मंत्र जप से श्रेष्ठ लक्ष्मी – प्राप्ति होती है । इस मंत्र से लक्ष्मी जी महालक्ष्मी होकर भोग और मोक्ष देनेवाली बनती है ।

*मंत्र – “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”*
सप्तमी, अष्टमी, नवमी ये 3 दिन, व्यास जी ने कहा कि ये 3 दिन का जप, पूजन, व्रत करे तो नवरात्रि का फल प्राप्त होगा । ब्रम्हचर्य का पालन, दिया जलाकर प्राणायाम आदि करके माता की प्रसन्नता, शक्ति की उपासना का ये मंत्र है । ॐ बीज मंत्र है, बड़ा शक्तिशाली है । श्रीं भी बीज मंत्र है । ह्रीं भी बीज मंत्र है । क्लिं भी बीज मंत्र है । ऐं भी बीज मंत्र है । इसमें 5 बीज मंत्र है ।
इन बीज मंत्रों में दैविक शक्तियों के पुंज के पुंज छिपे है और आपके अन्दर जो केंद्र है उनको ये बीज मंत्र सेंसिटिव करेंगे, प्रभावित करेंगे ।
*चैत्र नवरात्रि*
05 अप्रैल 2025 अष्टमी।
06 अप्रैल 2025 राम नवमी, महानवमी व्रत। नवरात्रि से संबंधित हवन पूजन 11:13 बजे तक किया जायेगा।
पूर्ण नवरात्रि व्रत पारण 07 अप्रैल 2025 दिन सोमवार को सुबह 07 बजे पारण करे।
*एकादशी*
08 अप्रैल 2025 दिन मंगलवार कामदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
10 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार स्नान दान व्रत वैशाखी पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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