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आज का पंचांग 3 may 2025

By Janhit TV

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*~आज कापञ्चाङ्ग
*दिनांक – 03 मई 2025*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ऋतु*
*मास – वैशाख*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – षष्ठी सुबह 07:51 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र – पुनर्वसु दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात पुष्य*
*योग – शूल 04 मई रात्रि 01:41 तक तत्पश्चात गण्ड*
*राहुकाल – सुबह 09:21 से सुबह 10:58 तक*
*सूर्योदय – 05:30*
*सूर्यास्त – 06:30*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
06+07+01=14÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
06+06+5=17÷7 =03 वृषरूढ़ वासे।
*व्रत पर्व विवरण – श्री गंगा सप्तमी (श्री गंगा जयंती)*
विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*गंगा अवतरण पर इतना करने से सहज में ही मनोवांछित फल प्राप्त होगा*

*पुष्य नक्षत्र योग*
04 मई 2025 रविवार को सूर्योदय से दोपहर 12:53 तक रविपुष्यामृत योग है ।
१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |…… ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*
*मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
04 मई 2025 रविवार को सूर्योदय से सुबह 07:18 तक रविवार सप्तमी है।
सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।
इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान, दान व श्राद्ध अक्षय होता है।
(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याया (10)
*रविवार सप्तमी*
रविवार सप्तमी के दिन जप/ध्यान करने का वैसा ही हजारों गुना फल होता है जैसा की सूर्य/चन्द्र ग्रहण में जप/ध्यान करने से होता |
रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करें, तो उसकी घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं, अगर बीमार व्यक्ति न कर सकता हो तो कोई और बीमार व्यक्ति के लिए यह व्रत करे | इस दिन सूर्यदेव का पूजन करना चाहिये |
*सूर्य भगवान पूजन विधि*
१) सूर्य भगवान को तिल के तेल का दिया जला कर दिखाएँ , आरती करें |
२) जल में थोड़े चावल, शक्कर, गुड, लाल फूल या लाल कुम कुम मिला कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें |
*सूर्य भगवान अर्घ्य मंत्र*
*1. ॐ मित्राय नमः।*
*2. ॐ रवये नमः।*
*3. ॐ सूर्याय नमः।*
*4. ॐ भानवे नमः।*
*5. ॐ खगाय नमः।*
*6. ॐ पूष्णे नमः।*
*7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।*
*8. ॐ मरीचये नमः।*
*9. ॐ आदित्याय नमः।*
*10. ॐ सवित्रे नमः।*
*11. ॐ अर्काय नमः।*
*12. ॐ भास्कराय नमः।*
*13. ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः।*
*एकादशी*
08 मई 2025 दिन गुरुवार मोहिनी एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष व्रत*
09 मई 2025 शुक्रवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
12 मई 2025 दिन सोमवार स्नान दान व्रत वैशाखी पीपल पूर्णिमा। *पंo वेदान्त अवस्थी*

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