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आज का पंचांग 29 जनवरी 2025

By Janhit TV

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*दिनांक – 29 जनवरी 2025*
*दिन – बुधवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर ॠतु*
*मास – माघ (गुजरात-महाराष्ट्र पौष)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – अमावस्या शाम 06:05 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र – उत्तराषाढा सुबह 08:20 तक तत्पश्चात श्रवण*
*योग – सिद्धि रात्रि 09:22 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
*राहुकाल – दोपहर 12:22 से दोपहर 01:44 तक*
*सूर्योदय – 06:36*
*सूर्यास्त – 05:24*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*अग्निवास*
30+04+01=35÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
30+30+5=65÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या, माघ अमावस्या, मौनी-त्रिवेणी अमावस्या, महाकुंभ प्रयाग का द्वितीय प्रमुख शाही स्नान, व्यतीपात योग (रात्रि 09:22 से 30 जनवरी शाम 06:33 तक
विशेष- अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
*गुप्त नवरात्रि*
माघ मास, शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ तिथियाँ गुप्त नवरात्रियाँ है जिसकी शुरुआत 30 जनवरी 2025 गुरुवार से होने जा रही है l
एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं , जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियो के बारे में आपको पता है ,पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैं l

*शत्रु को मित्र बनाने के लिए*
नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।
नवरात्रि में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ अथवा ‘अं रां अं’ मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं ‘गीता’ का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l
*माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1*
जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :
*“अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले “*
भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l
*माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2*
माघ मास शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं l)
• *” ॐ ह्रीं गौरये नमः “*
मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक करें l
गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं l
*श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु*
प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है
*मंत्र ध्यान से पढ़ें*
*”ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् “*

*विद्यार्थियों के लिए*
प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें।
इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती है l
बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें । जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें।
अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लें l
*पंचक*
30 जनवरी 2025 गुरुवार साय 06:35 बजे से 03 फरवरी 2025 दिन सोमवार रात्रि 11: 17बजे तक।
*एकादशी*
08 फरवरी 2025 दिन शनिवार जया एकादशी ।
*प्रदोष*
10 फरवरी 2025 दिन सोमवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
29 जनवरी 2025 दिन बुधवार देव पितृकार्य माघी मौनी अमावस्या।
*पूर्णिमा*
12 फरवरी 2025 दिन बुधवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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