*आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 28 फरवरी 2025*
*दिन – शुक्रवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत् – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – अमावस्या प्रातः 06:14 तक तत्पश्चात प्रतिपदा रात्रि 03:16 मार्च 01 तक, तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र – शतभिषा दोपहर 01:40 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*योग – सिद्ध रात्रि 08:08 तक, तत्पश्चात साध्य*
*राहु काल – सुबह 11:25 से दोपहर 12:52 तक*
*सूर्योदय – 06:14*
*सूर्यास्त – 05:46*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*अग्निवास*
01+06+01=08÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
01+01+5=07÷7 =00 श्मशान वासे।
*व्रत पर्व विवरण – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस*
विशेष – प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*अजीर्ण की निवृत्ति हेतु रखें इन बातों का ध्यान*
वर्तमान में अधिकांश लोग पेट के रोगों से, विशेषतः अजीर्ण से ग्रस्त देखे जाते हैं । इसका कारण है भोजन में स्वास्थ्य नहीं बल्कि स्वाद की प्रधानता, भोजन-संबंधी नियमों का अज्ञान या उन्हें शर महत्त्व न देना, भूख से ज्यादा खाना, जले हुए या भलीभाँति न पके भोजन, बासी आहार, पनीर, मावा आदि देर से पचनेवाले पदार्थों का सेवन, देर रात को या जल्दी-जल्दी भोजन करना आदि ।
चरक संहिता के अनुसार पूर्व में सेवन किया हुआ आहार पच जाने पर ही भोजन करना चाहिए । अजीर्ण में भोजन करने से पहलेवाले आहार का अपचित रस बाद के आहार के रस के साथ मिश्रित होने पर सभी दोषों को शीघ्र प्रकुपित करता है । अतः पूर्व का भोजन भली प्रकार पचने पर ही भोजन करें ।
प्रतिदिन पैदल भ्रमण, आसन, व्यायाम आदि करें । खूब चबा-चबाकर भोजन करें । जल्दी- जल्दी भोजन करने से जठराग्नि को भोजन पचाने में अधिक श्रम पड़ता है और पाचक रस भी उचित रूप में उत्पन्न नहीं हो पाता ।
“पहले का खाया हुआ खाना पचा-न पचा और दूसरा खाया तो आम (कच्चा, अपचित रस) बनेगा । ठाँस-ठाँस के खाया फिर बोले ‘एसिडिटी हो गयी, पेट की खराबियाँ हो गयीं…।’ कब खाना, कैसे खाना, कितना खाना, क्या खाना, क्या न खाना – इसका बुद्धिपूर्वक विचार करें फिर खायें तो तंदुरुस्त रहेंगे ।
*पंचक*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार प्रातः 04:37 बजे से 03 मार्च 2025 दिन सोमवार को प्रातः 06:39 बजे तक।
*एकादशी*
10 मार्च 2025 दिन सोमवार आमलीक एकादशी ।
*प्रदोष*
11 मार्च 2025 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
13 मार्च 2024 दिन गुरुवार वृत पूर्णिमा होलिका दहन।
14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*