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आज का पंचांग 27 फरवरी 2025

By Janhit TV

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*आज का पञ्चाङ्ग ~
*दिनांक – 27 फरवरी 2025*
*दिन – गुरुवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत् – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – चतुर्दशी सुबह 08:54 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*नक्षत्र – धनिष्ठा दोपहर 03:43 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*योग – शिव रात्रि 11:41 तक, तत्पश्चात सिद्ध*
*रहु काल – दोपहर 02:20 से दोपहर 03:47 तक*
*सूर्योदय – 06:17*
*सूर्यास्त – 05:43*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*अग्निवास*
29+05+01=35÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
29+29+5=63÷7 =00 श्मशान वासे।
व्रत पर्व विवरण – द्वापर युगादि तिथि, दर्श अमावस्या*
विशेष – अमावस्या को स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

*दीर्घ एवं निरोगी जीवन के नियम*
प्रातः ब्राह्ममुहूर्त में उठें । सुबह-शाम खुली हवा में टहलें, दौड़ें ।

प्राणायाम, ध्यान, जप, योगासन, संयम-सदाचार आदि का नियम लें ।
कसे हुए, चटकीले-भड़कीले, गहरे रंग के, तंग व कृत्रिम (synthetic) कपड़े न पहनें । ढीले-ढाले सूती वस्त्र या ऋतु- अनुसार ऊनी वस्त्र पहनें ।
संयम से रहें । ऋतुचर्या के अनुसार आहार-विहार करें ।
पेशाब करने के तुरंत बाद पानी न पियें, न ही पानी पीने के तुरंत बाद पेशाब हेतु जायें । इससे हानि होती है । मल-मूत्र का वेग नहीं रोकें ।
सप्ताह में कम-से-कम एक दिन रोज के संसारी कार्यों से मुक्त हो जायें ।
सप्ताह में कम-से-कम एक दिन थोड़ा हलका आहार लेकर घर के पूजा-कक्ष में मौन रह के अधिकांश समय सत्संग-श्रवण, श्री योगवासिष्ठ महारामायण ग्रंथ व अन्य धार्मिक ग्रन्थ का स्वाध्याय, ध्यान, जप, अजपाजप, साक्षीभाव का अभ्यास आदि साधनों का विशेषरूप से लाभ लें ।
स्वास्थ्य-मंत्र ‘ॐ हंसं हंसः’ का नित्य १०८ बार (एक माला) जप करें ।
चाय-कॉफी, शराब-कबाब, धूम्रपान पान-मसाला सेवन, फिल्मी गाने सुनना, अश्लील दृश्य व चलचित्र तथा गंदी वेबसाइट्स देखना आदि किसी भी हानिकारक चीज की लत लगी हो तो उसे छोड़ने का व्रत लें व उस व्रत पर दृढ रहें ।
रात को सोते समय यह प्रयोग करें : भगवन्नाम का उच्चारण करो और भगवान से कह दो कि ‘हम जैसे-तैसे हैं, तेरे हैं । ॐ शांति… ॐ ‘शांति… ॐ आनंद…’ ऐसा करके लेट गये और श्वास अंदर जाय तो ‘ॐ’, बाहर आये तो ‘१’… श्वास अंदर जाय तो ‘शांति’, बाहर आये तो ‘२’… श्वास अंदर जाय तो ‘आरोग्य’, बाहर आये तो ‘३’… इस प्रकार श्वासोच्छ्वास की गिनती करते-करते सोयें । इससे स्वास्थ्य-लाभ तो मिलेगा ही, साथ-ही-साथ रात्रि की निद्रा कुछ सप्ताह में योगनिद्रा बनने लगेगी और आप परमात्मा में पहुँच जाओगे ।
*पंचक*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार प्रातः 04:37 बजे से 03 मार्च 2025 दिन सोमवार को प्रातः 06:39 बजे तक।
*एकादशी*
10 मार्च 2025 दिन सोमवार आमलीक एकादशी ।
*प्रदोष*
11 मार्च 2025 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार देव पितृकार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
13 मार्च 2024 दिन गुरुवार वृत पूर्णिमा होलिका दहन।
14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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