आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 26 फरवरी 2025*
*दिन – बुधवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत् – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु– शिशिर*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – त्रयोदशी सुबह 11:08 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र – श्रवण शाम 05:23 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*योग – परिघ रात्रि 02:58 फरवरी 27 तक, तत्पश्चात शिव*
*राहु काल – दोपहर 12:53 से दोपहर 02:20 तक*
*सूर्योदय – 06:17*
*सूर्यास्त – 05:43*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*अग्निवास*
28+04+01=33÷4=01 स्वर्ग लोक में।
*शिववास*
28+28+5=61÷7 =05 भोजन चैव वासे।
*व्रत पर्व विवरण – महाशिवरात्रि*
विशेष -त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है एवं चतुर्दशी को स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
महाशिवरात्रि : 26 फरवरी*
1. शिवरात्रि को भक्तिभाव से रात्रि जागरण किया जाता है । इस रात्रि में किये जाने वाले जप, तप और व्रत हजारों गुना पुण्य प्रदान करते हैं ।
2. शिवरात्रि में रात्रि जागरण, बिल्वपत्र चंदन पुष्प आदि से शिव पूजन तथा जप ध्यान किया जाता है । यदि इस दिन ‘बं’ बीजमंत्र का सवा लाख जप किचा जाय तो जोड़ों के दर्द एवं वायु सम्बंधी रोगों में विशेष लाभ होता है ।
3. शिवरात्रि व्रत सभी पापों का नाश करने वाला है और यह योग एवं मोक्ष की प्रधानता वाला व्रत है ।
4. शिवरात्रि का व्रत न करने से पाप लगता है लेकिन करने से ऐसी बुद्धि होती है जैसी सतयुग, त्रेता और द्वापर के लोगों की होती थी और वही पुण्यलाभ प्राप्त होता है, जो उस काल में मिलता था क्योंकि काल के प्रभाव से जो पुण्य लुप्त हो गये हैं, वे शिवरात्रि के दिन पूर्णतः विद्यमान होते हैं ।
5. जीवन में अगर कोई-न-कोई व्रत नहीं रखा तो जीवन में दृढ़ता नहीं आयेगी, दक्षता नहीं आयेगी, अपने-आप पर श्रद्धा नहीं बैठेगी और सत्यस्वरूप आत्मा- परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती है। अतः शिवरात्रि का व्रत जरूर रखें ।
नमः शिवाय मंत्र जप
अथ ॐ नमः शिवाय मंत्र । वामदेव ऋषिः । पंक्तिः छंदः । शिवो देवता । ॐ बीजम् । नम : शक्तिः । शिवाय कीलकम् । अर्थात् ॐ नमः शिवाय का कीलक है ‘शिवाय’, ‘नमः’ है शक्ति, ॐ है बीज… हम इस उद्देश्य से (मन ही मन अपना उद्देश्य बोलें) शिवजी का मंत्र जप रहे है – ऐसा संकल्प करके जप किया जाय तो उस संकल्प की पूर्ति में मंत्र की शक्ति काम देगी।
महाशिवरात्रि पारणा (व्रत तोड़ना) : 27 फरवरी सुबह सूर्योदय के बाद किया जायेगा ।
शिवरात्रि चतुर्थ प्रहर शिव पूजन के बाद सूर्योदय पहले स्नान से निवृत हो कर व जप-ध्यान का नियम करके, सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए ।
उसके बाद नींबू को गुनगुने पानी मे मिलाकर नींबू पानी पिएं ।
आधा-एक घण्टे के बाद मूंग का पानी पियें, कुछ समय के बाद मूंग खाएं ।
मूंग खाने के एक-डेढ़ घण्टे के बाद सामान्य भोजन ले सकते है ।
पूरे दिन गुनगुना पानी ही पियें तो अच्छा होगा, कोई भी भारी चीज न खाएं, पूरा दिन मूँग ही खाएं तो अति उत्तम होगा ।
*पंचक*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार प्रातः 04:37 बजे से 03 मार्च 2025 दिन सोमवार को प्रातः 06:39 बजे तक।
*एकादशी*
10 मार्च 2025 दिन सोमवार आमलीक एकादशी ।
*प्रदोष*
11 मार्च 2025 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार देव पितृकार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
13 मार्च 2024 दिन गुरुवार वृत पूर्णिमा होलिका दहन।
14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*