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आज का पंचांग 25 जून 2025

By Janhit TV

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*आज का पञ्चाङ्ग*~
*दिनांक – 25 जून 2025*
*दिन – बुधवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
*शक संवत -1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
*मास – आषाढ (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार ज्येष्ठ)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – अमावस्या शाम 04:00 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र – मृगशिरा सुबह 10:40 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग – गण्ड सुबह 06:00 तक तत्पश्चात वृद्धि*
*राहुकाल – दोपहर 12:41 से दोपहर 02:22 तक*
*सूर्योदय – 06:00*
*सूर्यास्त – 07:22*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*अग्निवास*
30+04+01=35÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
30+30+5=65÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
*व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या,आषाढ अमावस्या*
विशेष – अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
*गुप्त नवरात्रि*
हिंदू धर्म के अनुसार, एक साल में चार नवरात्रि होती है, लेकिन आम लोग केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। इनके अलावा आषाढ़ तथा माघ मास में भी नवरात्रि का पर्व आता है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा (26 जून, गुरुवार) से होगा, जो आषाढ़ शुक्ल नवमी (04 जुलाई, शुक्रवार) को समाप्त होगी।
*शत्रु को मित्र बनाने के लिए*
नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।
नवरात्रि में स्नानादि से निवृत हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ (Hum) अथवा ‘अं रां अं’ (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं ‘श्री गुरुगीता’ का पाठ करें तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l
माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1
जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :
*“ अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले “*

भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l
माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2
शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं, नमक मिर्च का भोजन अगले दिन ही करें l)
*” ॐ ह्रीं गौरये नमः “*

मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुम -कुम का तिलक करें l
गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ और रोटी खिलाएं l
*श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु*
प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है मंत्र ध्यान से पढ़ें :
*” ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् “*

*विद्यार्थियों के लिए*
प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें।
*इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती है l*
बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें ।
जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें। अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लें l
*–(वेद-व्यास जी , देवी भागवत)*
*एकादशी*
06 जुलाई 2025 देव शयनी एकादशी व्रत सर्वे ।
04 जुलाई 2025 दिन शुक्रवार भड़ली नवमी।
*प्रदोष व्रत*
08 जुलाई 2025 मंगलवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
10 जुलाई 2025 दिन गुरुवार व्रत, स्नान दान पूर्णिमा।
*अमावस्या*
25 जून 2025 दिन बुधवार देव पितृ कार्य अमावस्या।
*पंo वेदान्त अवस्थी

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