आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 24 अप्रैल 2025*
*दिन – गुरूवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
*शक संवत -1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*मास – वैशाख (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – एकादशी दोपहर 02:32 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र – शतभिषा सुबह 10:49 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
*योग – ब्रह्म शाम 03:56 तक तत्पश्चात इन्द्र*
*राहुकाल – दोपहर 02:13 से शाम 03:49*
*सूर्योदय – 05:36*
*सूर्यास्त – 06:24*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे*
*अग्निवास*
26+05+01=32÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
26+26+5=57÷7 =01 कैलाश वासे।
*व्रत पर्व विवरण- वरूथिनी एकादशी,पंचक*
विशेष- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l *राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
*वरूथिनी एकादशी*
*24 अप्रैल 2025 गुरुवार को वरूथिनी एकादशी है ।*
वरूथिनी एकादशी (सौभाग्य, भोग, मोक्ष प्रदायक व्रत; १०,००० वर्षों की तपस्या के समान फल | माहात्म्य पढ़ने-सुनने से १००० गोदान का फल)
*आईना टूटे ना रखे*
इसे टूटे हुये कंचों में चेहरा देखना अपशकुन माना जाता है | घर में आईना टूट गया हो तो उसको निकाल देना चाहिये दूसरा लगा देना चाहिए |
*पंचक*
22 अप्रैल 2025 दिन सोमवार को रात्रि 12:31 बजे से 27 अप्रैल 2025 दिन रविवार प्रातः 03:39बजे तक तक।
*एकादशी*
24 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार वरुथिनी एकादशी व्रत सर्वे।
08 मई 2025 दिन गुरुवार मोहिनी एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष व्रत*
25 अप्रैल 2025 शुक्रवार प्रदोष व्रत।
26 अप्रैल 2025 शनिवार ( मासिक शिव रात्रि)।
09 मई 2025 शुक्रवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
27 अप्रैल 2025 दिन रविवार देव पितृ कार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
12 मई 2025 दिन सोमवार स्नान दान व्रत वैशाखी पीपल पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*