आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 23 मई 2025*
*दिन – शुक्रवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत् – 2082*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म*
*मास – ज्येष्ठ*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – एकादशी रात्रि 10:29 तक तत्पश्चात् द्वादशी*
*नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद शाम 04:02 तक तत्पश्चात् रेवती*
*योग – प्रीति शाम 06:37 तक तत्पश्चात् आयुष्मान*
*राहुकाल – सुबह 10:56 से दोपहर 12:37 तक*
*सूर्योदय – 05:19*
*सूर्यास्त – 06:41*
*दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*अग्निवास*
26+06+01=33÷4=01 स्वर्ग लोक में।
*शिववास*
26+26+5=57÷7 =01 कैलाश वासे।
व्रत पर्व विवरण- अपरा एकादशी, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग (शाम 04:02 से प्रातः 05:55 मई 24 तक)
विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)
*एकादशी व्रत के लाभ
एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
*पंचक*
20 मई 2025 सुबह 07:36 बजे से 24 मई 2025 दोपहर 01:48 बजे तक।
*एकादशी*
06 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत गृहस्थ।
07 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत निम्बा (वैष्णव)।
*प्रदोष व्रत*
24 मई 2025 शनिवार प्रदोष व्रत।
25 मई 2025 दिन रविवार मासिक शिव रात्रि।
08 जून 2025 रविवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
10 जून 2025 दिन मंगलवार व्रत पूर्णिमा ।
11 जून 2025 दिन बुधवार स्नान दान पूर्णिमा।
*अमावस्या*
26 मई 2025 दिन सोमवार वट सावित्री व्रत (बरगदाई)।
सोमवती अमावस्या मान्य नहीं होगी भौमवती मान्य होगी।
27 मई 2025 दिन मंगलवार स्नान दान, श्राद्ध अमावस्या।
*पंo वेदान्त अवस्थी*
आज का पंचांग 23 may 2025
By Janhit TV
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