*आज का पंचांग*
*दिनांक – 22 मार्च 2025*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*मास – चैत्र (गुजरात-महाराष्ट्र फाल्गुन)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – अष्टमी 23 मार्च प्रातः 05:23 तक तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र – मूल 23 मार्च रात्रि 03:23 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
*योग – व्यतीपात शाम 06:37 तक तत्पश्चात वरीयान*
*राहुकाल – सुबह 09:13 से सुबह 10:44 तक*
*सूर्योदय – 06:00*
*सूर्यास्त – 06:00*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
*अग्निवास*
23+07+01=31÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
23+23+5=51÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
विशेष- अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
*इससे आपका मन लगने लगेगा*
यदि दूकान अथवा व्यवसाय-स्थल पर आपका मन नहीं लगता है तो इसके लिए आप जिस स्थान पर बैठते हैं वहाँ थोडा-सा कपूर जलायें, अपनी पसंद के पुष्प रखें और स्वस्तिक या ॐकार को अपलक नेत्रों से देखते हुए कम-से-कम 5 – 7 बार ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें |
अपने पीछे दीवार पर ऊपर ऐसा चित्र लगायें जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य हो, ऊँचे –ऊँचे पहाड़ हों परंतु वे नुकीले न हों और न ही उस चित्र में जल हो अथवा यथायोग्य किसी स्थान पर आत्मज्ञानी महापुरुषों, देवी-देवताओं के चित्र लगायें | इससे आपका मन लगने लगेगा |
*संतान आगमन पर*
बच्चा पैदा हो उसको गुनगुने पानी से नहलाकर पिता की गोद में रखना चाहिये ।
*पिता उस बच्चे को देखे और बोले उसके कान में*
*ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार) अश्मा भव*
*ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार) परशु भव*
*ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार ) हिरन्यस्तुम भव*
तू चट्टान की नाईं दृढ़ होना तू विघ्न बाधाओं और पापों को काटने वाला कुल्हाड़ा बनना तू सुवर्ण की नाईं- लोहे को दाग लग जाता है, तांबे को भी जंग लग जाता है, लेकिन सोना ज्यों का त्यों रहत है ऐसे ही तू संसार में निर्लेप रहना ऐसा करके बाप माँ की गोद में बच्चे को ड़ाल दे।
फिर माँ क्या करे ?उसे स्तन-पान न कराए कुछ भी उसके मुँह में न ड़ाले; पहले माँ को क्या करना चाहिए माँ हो, मौसी हो, जो भी हो, एक बूँद शहद की, दस बूँद घी की, दोनों को मिला दे, और सोने की सलाई से (अगर सोने की सलाई खरीदने की ताकत नहीं है तो चाँदी की सलाई पर सोने का पानी चढ़ा दे ) शहद और घी के विमिश्रण से (सममिश्रण होगा तो ज़हर बनता है- या तो शहद का वजन ज्यादा हो, या तो घी का ज्यादा हो; बराबरी में जहर होता है ) बालक की जीभ पर ॐ लिख देवें बाद में उसको जो भी देना हो, पानी/दूध दे सकते हैं बच्चा ऐसा बनेगा कि 7 पीढ़ी के खानदान में ऐसा नहीं हुआ होगा जैसा ये बालक/बालिका बनेंगें।
*बेटी की शादी, या परिवार में कोई समस्या*
जिनके घर में बेटी की शादी, या परिवार में कोई समस्या है तो ऐसी बहनों के लिए स्कंद पुराण में बताया हुआ मंत्र है।
*ॐ ह्रीं गौरयै नमः*
अगर किसी आश्रम में जाना संभव है तो वहाँ के वड़-दादा को प्रदक्षिणा करें, वड़-दादा की मिट्टी कुमकुम में मिलाकर उत्तर दिशा में मुख करके तिलक करें और ऊपर दिया हुआ मंत्र बोलें कुछ ही दिनों में आपको लाभ होगा, बेटी की शादी होनी है तो हो जायेगी, परिवार में कोई अनबन है, चिड़चिड़ापन है तो शांति आ जायेगी।
*पंचक*
26 मार्च 2025 दिन बुधवार को साय 03:15 बजे से 30 मार्च 2025 दिन रविवार को साय 04:35 बजे तक।
*एकादशी*
25 मार्च 2025 दिन मंगलवार पाप मोचनी एकादशी ।( व्रत गृहस्थ)।
26 मार्च 2025 दिन बुधवार
( व्रत स्मार्त)।
08 अप्रैल 2025 दिन मंगलवार कामदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
27 मार्च 2025 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत। (मासिक शिव रात्रि)।
10 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
29 मार्च 2025 दिन शनिवार देव पितृकार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार स्नान दान व्रत वैशाखी पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*