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आज का पंचांग 22 फरवरी 2025

By Janhit TV

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आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 22 फरवरी 2025*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत् – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – बसन्त*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – नवमी दोपहर 01:19 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र – ज्येष्ठा शाम 05:40 तक तत्पश्चात मूल*
*योग – हर्षण दोपहर 11:56 तक, तत्पश्चात वज्र*
*राहु काल – सुबह 10:00 से सुबह 11:27 तक*
*सूर्योदय – 06:20*
*सूर्यास्त – 05:40*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
24+07+01=32÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
24+24+5=53÷7 =04 सभायाम वासे।
*व्रत पर्व विवरण – समर्थ रामदासजी नवमी*
विशेष – नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है व दशमी कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

*किसी की मृत्यु के वक्त*

कहीं भी मृत्यु हो गई तो उसका तुम भला करना । तुलसी की सुखी लकड़ियाँ अपने घर में रख लो । कही भी अपने अड़ोस-पड़ोस में किसी की मृत्यु हुई तो उसके होठों पर, आँखों पर, शरीर पर, छाती पर तुलसी की सुखी लकड़ीयाँ थोड़ी रख लो और तुलसी की लकड़ी से उसका अग्निदान शुरू करो ।

उसका कितना भी पाप होगा, दुर्गति से रक्षा होगी, नरकों से रक्षा होगी अथवा तुलसी की लकड़ीयाँ न हो तो तुलसी की माला शव के गले में डाल दो तो भी उसको राहत मिलेगी कर्मबंधन से ।

तुलसी के पत्ते उसके मुहँ में डाल दो । तुलसी का पानी जरा छिटक दो । हरी ॐ ॐ ॐ.. का कीर्तन कराओ । फिर हास्य न कराओ । हरी ॐ ॐ… शांति ॐ… तुम अमर आत्मा हो । तुम चैतन्य हो । तुम शरीर नहीं हो । शरीर बदलता है । आत्मा ज्यों का त्यों । ॐ ॐ… कुटुम्बियों को मंगलमय जीवन मृत्यु पुस्तक पढ़ायें और कुटुंबी उसके लिए बोले क्योंकि मृतक व्यक्ति सवा दो घंटे के बाद मूर्छा से जगता है, जैसे आप मुर्दे को देखते हो, ऐसे ही वो अपने मुर्दे शरीर को देखता है । तो सूचना दो । तुम शरीर नहीं हो… तुम अमर आत्मा हो । मरनेवाले तुम नहीं हो ।

शरीर का नाम है आप अनाम है । शरीर साकार है, आप निराकार है । शरीर जड़ था आप चेतन हो ॐ ॐ… आपने मृतक व्यक्ति की बड़ी भारी सेवा कर दी । उसके विचारों में आत्मज्ञान भरने का महापुण्य किया है । जो आत्मज्ञान देता है, वो तो  ईश्वर रूप हो जाता है । आपका आत्मा तो ईश्वर रूप है ही है । कोई भी मर जाए, चाहे दुश्मन मर जाए, वैर मत रखो । उसकी सदगति हो, उसका भला हो ।

शनिवार के दिन विशेष प्रयोग*

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)

आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*

एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
*पंचक*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार प्रातः 04:37 बजे से 03 मार्च 2025 दिन सोमवार को प्रातः 06:39 बजे तक।
*एकादशी*
24 फरवरी 2025 दिन सोमवार विजय एकादशी।
11 मार्च 2025 दिन सोमवार आमलीक एकादशी ।
*प्रदोष*
25 फरवरी 2025 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
26 फरवरी 2025(महा शिव रात्रि)।
11 मार्च 2025 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार देव पितृकार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
13 मार्च 2024 दिन गुरुवार वृत पूर्णिमा होलिका दहन।
14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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