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आज का पंचांग 21 जून 2025

By Janhit TV

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आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 21 जून 2025*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत् – 2082*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म*
*मास – आषाढ़*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – दशमी सुबह 07:18 तक, तत्पश्चात् एकादशी प्रातः 04:27 जून 22 तक, तत्पश्चात् द्वादशी*
*नक्षत्र – अश्विनी शाम 07:50 तक  तत्पश्चात् भरणी*
*योग – अतिगण्ड रात्रि 08:29 तक तत्पश्चात् सुकर्मा*
*राहुकाल – सुबह 09:18 से सुबह 11:00 तक*
*सूर्योदय – 05:13*
*सूर्यास्त – 06:47*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
26+07+01=34÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
26+26+5=57÷7 =01 कैलाश वासे।
व्रत पर्व विवरण – योगिनी एकादशी, अंतराष्ट्रीय योग दिवस*
एकादशी व्रत गृहस्थ लोगों को आज ही करना है।
विशेष – दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है एवं एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)

*कर्णवेध संस्कार क्यों व कैसे ?*
हिन्दू धर्म- संस्कारों में कर्णवेध (कान छेदना) संस्कार नौवाँ संस्कार है । बालकों व बालिकाओं की शारीरिक व्याधियों से रक्षा ही इस संस्कार का मूल उद्देश्य है ।
‘आयुर्वेद’ (सुश्रुत संहिता, चिकित्सा स्थान : १९.२४) के अनुसार कान छेदने से अंत्रवृद्धि (inguinal hernia) होने की सम्भावना नहीं रहती ।

यह मान्यता है कि कर्ण-छेदन करने से सूर्य की किरणें कानों के उन छिद्रों से प्रवेश पाकर सामने बालक-बालिका को तेज-सम्पन्न बनाती हैं । बालक के पहले दायें कान में और बाद में बायें कान में छेद करें तथा बालिका के पहले बायें कान में फिर दायें कान में छेद करें । बालिका के बायें नथुने में भी छेद करके आभूषण पहनाने का विधान है ।

मस्तिष्क के दोनों भागों को विद्युत के प्रभावों से प्रभावशाली बनाने के लिए नाक और कानों में सोना पहनना लाभकारी माना गया है ।

*एकादशी*
21 जून 2025 दिन शनिवार योगिनी एकादशी व्रत स्मार्त गृहस्थ।
22 जून 2025 दिन रविवार योगिनी एकादशी व्रत वैष्णव।
06 जुलाई 2025 देव शयनी एकादशी व्रत सर्वे ।
04 जुलाई 2025 दिन शुक्रवार भड़ली नवमी।
*प्रदोष व्रत*
23 जून 2025 दिन सोमवार प्रदोष व्रत मासिक शिव रात्रि।
08 जुलाई 2025 मंगलवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
10 जुलाई 2025 दिन गुरुवार व्रत, स्नान दान पूर्णिमा।
*अमावस्या*
25 जून 2025 दिन बुधवार देव पितृ कार्य अमावस्या।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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