आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 18 अप्रैल 2025*
*दिन – शुक्रवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत् – 2082*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – बसन्त*
*मास – वैशाख*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – पञ्चमी शाम 05:07 तक तत्पश्चात् षष्ठी*
*नक्षत्र – ज्येष्ठा सुबह 08:21 तक तत्पश्चात् मूल*
*योग- परिघ रात्रि 01:04 अप्रैल 19 तक तत्पश्चात् शिव*
*राहुकाल – सुबह 11:03 से दोपहर 12:39 तक*
*सूर्योदय – 05:40*
*सूर्यास्त – 06:20*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण- गुड फ्राइडे*
*अग्निवास*
20+06+01=27÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
20+20+5=45÷7 =03 वृषारूढ़ा वासे।
विशेष – पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। ( ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)
लू से बचने के लिए*
लू से बचने के लिए तेज धूप में घर से बाहर निकलते समय पानी पीकर एवं जूते व टोपी पहन के ही निकलें । एक साबुत प्याज साथ में रखें । लू लगने पर मोसम्बी के रस का सेवन बहुत ही लाभदायी हैं ।
सिर का सहज सुरक्षा-कवच टोपी
धूप से अपने सिर की रक्षा करना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है । धूप में नंगे सिर घूमने से सिर,आँख,नाक व कान के अनेक रोग होते हैं । सिर में गर्म हवा लगने एवं बारिश का पानी पड़ने से भी अनेक रोग होते हैं । धूप के दुष्प्रभाव से ज्ञान तंतुओं को क्षति पहुंचती है, जिससे यादशक्ति कम हो जाती है ।
पूर्वकाल में हमारे दादा-परदादा नियमित रूप से टोपी या पगड़ी पहनते थे और महिलाएँ हमेशा सिर ढक कर रखती थी । इस कारण उन्हें समय से पूर्व बाल सफेद होना, अत्यधिक बाल झड़ना (गंजापन), सर्दी होना, सिर दर्द होना तथा आँख,कान,नाक के बहुत-से रोग इनका इतना सामना नहीं करना पड़ता था ।
यदि आप अपने शरीर के उपरोक्त महत्वपूर्ण अंगों की कार्यक्षमता लम्बे समय तक बनाये रखना चाहते हैं तो धूप से अपने सिर की रक्षा कीजिये । इसके लिए टोपी अत्यंत सुविधाजनक तथा उपयोगी है ।
*आयुर्वेद कहता है:-*
*उष्णीषं कान्तिकृत्केश्यं रजोवातकफापहम् ।।*
*लघु यच्छस्यते तस्मात् गुरुं पित्ताक्षिरोग कृत् ।।*
‘मस्तक पर उष्णीष (पगड़ी, साफा, टोपी आदि) धारण करना कांति की वृद्धि करने वाला,केश के लिए हितकारी,धूलि को दूर करनेवाला अर्थात धूलि से बालों को बचानेवाला और वात तथा कफ का नाशक होता है । परंतु ये सब उत्तम लाभ तभी होते हैं जब वह हलका हो । यदि उष्णीष बहुत भारी हो तो पित्त की वृद्धि और नेत्र संबंधी रोग को उत्पन्न करने वाला होता है ।
सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा एवं होंठों के कैंसर का महत्वपूर्ण कारण मानी जाती हैं । ये किरणें काँचबिंदु जैसी आँखों की विकृतियों को भी जन्म देती है ।
वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसी टोपियाँ जिनमें किनारों पर कम-से-कम ३ इंच की पट्टी चारों तरफ लगी है,सिर,चेहरा,कानों तथा गले को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती हैं, जिससे स्किन कैंसर से बचाव हो जाता है । घुमावदार टोपियाँ अधिक उपयुक्त होती हैं ।
चुनाव-प्रचार में बाँटने वाली सिंथेटिक टोपियां लाभकारी नहीं होतीं टोपियाँ मोटे कपड़े की होनी चाहिए ।
*पंचक*
22 अप्रैल 2025 दिन सोमवार को रात्रि 12:31 बजे से 27 अप्रैल 2025 दिन रविवार प्रातः 03:39बजे तक तक।
*एकादशी*
24 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार वरुथिनी एकादशी व्रत सर्वे।
08 मई 2025 दिन गुरुवार मोहिनी एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष व्रत*
25 अप्रैल 2025 शुक्रवार प्रदोष व्रत।
26 अप्रैल 2025 शनिवार ( मासिक शिव रात्रि)।
09 मई 2025 शुक्रवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
27 अप्रैल 2025 दिन रविवार देव पितृ कार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
12 मई 2025 दिन सोमवार स्नान दान व्रत वैशाखी पीपल पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*