आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 16 मई 2025*
*दिन – शुक्रवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म ऋतु*
*मास – ज्येष्ठ (गुजरात-महाराष्ट्र वैशाख)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – चतुर्थी 17 मई प्रातः05:13 तक तत्पश्चात पंचमी*
*नक्षत्र – मूल शाम 04:07 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
*योग – सिद्ध सुबह 07:15 तक तत्पश्चात साध्य*
*राहुकाल – सुबह 10:56 से दोपहर 12:35 तक*
*सूर्योदय – 05:23*
*सूर्यास्त – 06:37*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
*अग्निवास*
19+06+01=26÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
19+19+5=43÷7 =01 कैलाश वासे।
*व्रत पर्व विवरण – संकष्ट चतुर्थी*
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*गाय के खुर की मिट्टी*
जिसका कामकाज सफल नहीं होता है, पत्नी गो-शाला में जाकर गाय के खुर की मिट्टी लाये और पति को तिलक कर के पति काम पर जाये तो काम जरुर सफल होता है..गाय की ओरा बड़ी हितकारी होती है ।
*निरोगी व श्री सम्पन्न होने के लिये*
*ॐ हुं विष्णवे नमः*
निरोगी व श्री सम्पन्न होने के लिये इस मन्त्र की एक माला रोज जप करें, तो आरोग्यता और सम्पदा आती हैं ।
*बहुत समस्या रहती हो तो*
जिनको कोई तकलीफ रहती है, कर्जा है, काम धंधा नहीं चलता, नौकरी नहीं मिलती तो
सोमवार का दिन हो ना सुबह बेलपत्र, पानी और दूध | पहले दूध और पानी शिवलिंग पर चढ़ा दो फिर बेलपत्र रख दो |
*त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं | त्रिजन्म पापसंहारम् एकबिल्वं शिवार्पणं ||*
पाँच बत्ती वाला दीपक जलाकर रख दो और बैठकर थोडा अपना गुरुमंत्र जपो | तो जप भी हो जायेगा, जप का जप, पूजा की पूजा, काम का काम |
मंगलवार को २ मिनट लगेंगे अगर गन्ने का रस मिल जाय थोडा सा या घर पर निकाल सकते है | वो थोडा रस शिवलिंग पर चढ़ा दिया |
*मृत्युंजय महादेव त्राहिमाम् शरणागतमं | जन्म मृत्यु जराव्याधि पीड़ितं कर्मबंधनेहि ||*
बुधवार को थोडा जप कर लिया जल आदि चढ़ा दिया, नारियल रख दिया अगर हो तो नहीं तो कोई जरुरत नहीं है | जिनको ज्यादा तकलीफे है उनके लिए है और जिनको न हो तो हरि ॐ तत् सत् बाकी सब गपसप |
*पंo वेदान्त