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आज का पंचांग 15 फरवरी 2025

By Janhit TV

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आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 15 फरवरी 2025*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत् – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – तृतीया रात्रि 11:52 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी रात्रि 01:39 फरवरी 16 तक, तत्पश्चात हस्त*
*योग – सुकर्मा प्रातः 07:33 तक, तत्पश्चात धृति*
*राहु काल – सुबह 10:03 से सुबह 11:28 तक*
*सूर्योदय – 06:25*
*सूर्यास्त – 05:35*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
18+07+01=26÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
18+18+5=41÷7 =06 क्रीड़ा याम वासे।
विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

*थकान मिटाने हेतु*

ध्यान-भजन करने बैठे और थकान लगे तो क्या करे ? पलथी मार के बैठो और शरीर को चक्की कि नाई गोल घुमाओ । अनाज पीसने कि हाथवाली चक्की घूमती है न गोल, ऐसे थोड़ी देर घुमाओ, फिर उसकी विपरीत दिशा में भी घुमाओ । फिर अपने-आप घूमेगा थोड़ी देर । इससे थकान मिटेगी, ताजगी आयेगी ।
*कलह, धन-हानि व रोग-बाधा से परेशान हों तो…*

घर में कलहपूर्ण वातावरण, धन-हानि एवं रोग-बाधा से परेशानी होती हो तो आप अपने घर में मोरपंख कि झाड़ू या मोरपंख पूजा-स्थल में रखें । नित्य नियम के बाद मन-ही-मन भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करते हुए इस पंख या झाड़ू को प्रत्येक कमरे में एवं रोग-पीड़ित के चारों तरफ गोल-गोल घुमाये ।
कुछ देर ‘ॐकार ‘ का कीर्तन करें-करायें । ऐसा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है ।
*विद्यार्थी विशेष*

*सर्वांगीण विकास के पाँच दिव्य सोपान*

एकाग्रता, अनासक्ति, श्रद्धा, सच्चरित्रता और ब्रह्मचर्य पाँच साधन इतने प्रभावशाली हैं कि छोटे-से-छोटे व्यक्ति को भी महान बनाने में देर नहीं करते । ये सद्गुण विकसित करें तो ईश्वरप्रापि हो जाय । और ईश्वरप्राप्ति हो गयी तो क्या बाकी रहा ! जगत की कोई भी चीज उसके लिए अप्राप्त नहीं है, आसान है । फिर तो पढ़ाई में भी छक्का स्वास्थ्य में भी छक्का, आनंद में भी छक्का !
* शनिवार के दिन विशेष प्रयोग*

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
*आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर ह

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