आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 10 मार्च 2025*
*दिन – सोमवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत् – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – एकादशी प्रातः 07:44 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र – पुष्य रात्रि 12:51 मार्च 11 तक, तत्पश्चात अश्लेशा*
*योग- शोभन दोपहर 01:57 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*राहु काल – सुबह 08:22 से सुबह 09:52 तक*
*सूर्योदय – 06:09*
*सूर्यास्त – 05:51*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
11+02+01=14÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
11+11+5=27÷7 =06 क्रीड़ा याम वासे।
व्रत पर्व विवरण – आमलकी एकादशी, नरसिंह द्वादशी, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 06:53 से रात्रि 12:51 मार्च 11 तक)
विशेष – एकादशी व्रत,द्वादशी को पुतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?*
1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।
2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।
हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।
4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।
5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।
6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।
*एकादशी*
10 मार्च 2025 दिन सोमवार आमलीक एकादशी ।
*प्रदोष*
11 मार्च 2025 दिन मंगलवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार देव पितृकार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार स्नान दान व्रत पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त