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आज का पंचांग 1 may 2025

By Janhit TV

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आज कापञ्चाङ्ग
*दिनांक – 01 मई 2025*
*दिन – गुरूवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ऋतु*
*मास – वैशाख*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – चतुर्थी सुबह 11:23 तक तत्पश्चात पंचमी*
*नक्षत्र – मृगशिरा दोपहर 02:21 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग – अतिगण्ड सुबह 08:34 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*राहुकाल – दोपहर 02:13 से शाम 03:50 तक*
*सूर्योदय – 05:31*
*सूर्यास्त – 06:29*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
*अग्निवास*
04+05+01=10÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
04+04+5=13÷7 =06 क्रीड़ा याम वासे।
*व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी, राष्ट्रीय मजदूर दिवस*
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*पापनाशिनी, पुण्यप्रदायिनी गंगा*
*03 मई 2025 शनिवार को श्री गंगा सप्तमी (गंगा जयंती) है ।
जैसे मंत्रों में ॐकार, स्त्रियों में गौरीदेवी, तत्त्वों में गुरुतत्त्व और विद्याओं में आत्मविद्या उत्तम है, उसी प्रकार सम्पूर्ण तीर्थों में गंगातीर्थ विशेष माना गया है। गंगाजी की वंदना करते हुए कहा गया हैः
*संसारविषनाशिन्यै जीवनायै नमोऽस्तु ते।*
*तापत्रितयसंहन्त्र्यै प्राणेश्यै ते नमो नमः।।*
‘देवी गंगे ! आप संसाररूपी विष का नाश करने वाली हैं । आप जीवनरूपा है। आप आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के तापों का संहार करने वाली तथा प्राणों की स्वामिनी हैं । आपको बार-बार नमस्कार है।'(स्कंद पुराण, काशी खं.पू. 27.160)
जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन ‘गंगा दशहरा’ (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है। इन दिनों में गंगा जी में गोता मारने से विशेष सात्त्विकता, प्रसन्नता और पुण्यलाभ होता है। वैशाख, कार्तिक और माघ मास की पूर्णिमा, माघ मास की अमावस्या तथा कृष्णपक्षीय अष्टमी तिथि को गंगास्नान करने से भी विशेष पुण्यलाभ होता है।
स्रोतः लोक कल्याण सेतु, पृष्ठ संख्या 11, अप्रैल 2011, अंक 166
*गंगा स्नान का फल*
*03 मई 2025 शनिवार को श्री गंगा सप्तमी (गंगा जयंती) है ।
“जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है।” (पद्म पुराण , उत्तर खंड)
*एकादशी*
08 मई 2025 दिन गुरुवार मोहिनी एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष व्रत*
09 मई 2025 शुक्रवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
12 मई 2025 दिन सोमवार स्नान दान व्रत वैशाखी पीपल पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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