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आज का पंचांग 26 जुलाई 2025

By Janhit TV

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आज का पञ्चाङ्ग~*
*दिनांक – 26 जुलाई 2025*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत 2082*
*शक संवत -1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – वर्षा ॠतु*
*मास – श्रावण*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – द्वितीया रात्रि 10:41 तक तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र – अश्लेशा शाम 03:52 तक तत्पश्चात मघा*
*योग – व्यतीपात 27 जुलाई प्रात: 04:06 तक तत्पश्चात वरीयान*
*राहुकाल – सुबह 09:28 से सुबह 11:06 तक*
*सूर्योदय – 05:21*
*सूर्यास्त – 06:39*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय, चंद्रोदय चन्द्रस्त समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
*अग्निवास*
02+07+01=10÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
02+02+5=09÷7 =02 गौरीसन्निधौ वासे।
व्रत पर्व विवरण – चंद्र-दर्शन (रात्रि 07:12 से रात्रि 08:28 तक),व्यतीपात योग (प्रातः 05:32 से 27 जुलाई प्रात:04:06 तक)
विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)
चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।

*खांसी*
आधा चम्मच तुलसी का रस और उतना ही अदरक का रस मिलाकर लेने से लाभ होता है l

*चांदी वर्क खतरनाक*
मिठाई में चांदी के वर्क की जगह एलुमिनियम के वर्क होते हैं । ये धीमा ज़हर है । इससे भविष्य में दुर्बलता आती है व पाचन तंत्र कमज़ोर होता है ।
*विघ्न नाश, रोग नाश एवं कार्य सिद्धि के लिए*
गेहूं, चावल , उड़द , मूंग और तिल का आटा गूंधकर, घी डाल के दिया जला दें | हनुमानजी या बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाये ।
हनुमानजी के आगे सरसों के तेल का दीया जलाये तो रोगों का नाश करने मे मदद मिलेगी |
गणपति जी के प्रतिमा के निकट जलाएंगे तो विघ्न नाश करने में मदद मिलेगी |
पीपल या वट वृक्ष के नीचे हनुमानजी का सुमिरन करके हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दिया जलाया जाए तो कार्यसिद्धि करने मे मदद मिलेगी
*पंचक*
09 अगस्त 2025 दिन शनिवार रात्रि 02:11 बजे से 14 अगस्त 2025 दिन सुबह 09:06 बजे तक।
*पंचमी*
29 जुलाई 2025 दिन मंगलवार नाग पंचमी।
*एकादशी*
05 अगस्त 2025 दिन मंगलवार पुत्रदा एकादशी व्रत सर्वे ।
*प्रदोष व्रत*
06 अगस्त 2025 दिन बुधवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
08 अगस्त2025 दिन शुक्रवार वृत पूर्णिमा।
09 अगस्त 2025 दिन शनिवार श्रावणी उपाकर्म (रक्षा बन्धन) स्नान दान पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी

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