~ *आज का पञ्चाङ्ग* ~
*दिनांक – 01 जुलाई 2025*
*दिन – मंगलवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*वक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द –5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
*मास – आषाढ*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – षष्ठी सुबह 10:20 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी सुबह 08:54 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग – व्यतिपात शाम 05:19 तक तत्पश्चात वरीयान*
*राहुकाल – शाम 03:39 से शाम 05:22 तक*
*सूर्योदय – 05:13*
*सूर्यास्त – 06:47*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्योदय सूर्यास्त समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*अग्निवास*
06+03+01=10÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
06+06+5=17÷7 =03 वृषारूढ़ा वासे।
*व्रत पर्व विवरण – विवस्वत सप्तमी*
विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*बुधवारी अष्टमी*
02 जुलाई 2025 बुधवार को दोपहर 11:58 से 03 जुलाई सूर्योदय तक बुधवारी अष्टमी है ।
*मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।
इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)
*बुधवायुक्तायां शुक्ला शुक्लाष्टम्यां, परयुता ग्राह्या*
बुधवारी शुक्लपक्ष अष्टमी बहुत पुण्यशाली होती है और इस दिन किया गया स्नान, दान, धर्म, जप, तप आदि सब सूर्यग्रहण के समान फल देते हैं।
*अमावस्या तु सोमेन सप्तमी भानुना सह।*
*चतुर्थी भूमिपुत्रेण सोमपुत्रेण चाष्टमी।*
*चतस्रस्तिथयस्त्वेताः सूर्यग्रहणसन्निभाः॥*
शिवपुराण, गरुड़पुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण, स्कंदपुराण सभी में बुधाष्टमी की महत्ता का वर्णन है।
भविष्यपुराण में श्रीकृष्ण बुधाष्टमी के व्रत की महत्ता बताते हुए कहते हैं कि इसको करने से नरक का मुख नहीं देखना पड़ता।
*“बुधाष्टमीव्रतं भूयो ब्रवीमि शृणु पांडव ।*
*येन चीर्णेन नरकं नरः पश्यति न क्वचित् ।।”*
*जामुन के फायदे*
जामुन अग्निप्रदीपक, पाचक, स्तंभक रोकने वाला तथा वर्षा ऋतु में अनेक रोगों में उपयोगी है |
जामुन में लोहतत्व पर्याप्त मात्रा में होता है |
अत: पिलिया के रोगों में जामुन का सेवन हितकारी है |
जामुन यकृत, तिल्ली और रक्त की अशुद्धि को दूर करता है |
जामुन खाने से रक्त की अशुद्धि दूर हो जाती है तथा लालिमा युक्त बनता है |
जामुन मधुमेह, अतिसार, पथरी, पेचिस, संग्रहणी, यकृत के रोगों और रक्तजन्य विकारों को दूर करता है |
मधुमेही के रोगीयों के लिए जामुन के बीज का चूर्ण सर्वोत्तम है |
वायु प्रकृति वाले जामुन के ऊपर नमक, जीरा पावडर और संतकृपा चूर्ण लगागे जामुन खाये |
मधुमेह के रोगी को नित्य जामुन खाने चाहिए | अच्छे पक्के जामुन सुखाकर बारीक कूटकर बनाया गया चूर्ण प्रतिदिन १ – १ चम्मच सुबह–शाम पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है |
प्रदर रोग कुछ दिनों तक वृक्ष की छाल के काढ़े में शहद अर्थात मधु मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से स्त्रीयों में प्रदर रोग मिट जाता है |
जामुन के बीज को पानी में घिसकर मुँह पर लगाने पर मुहाँसे मिटते है |
जामुन की गुठलीयों को पीसकर शहद में मिलाकर गोलियाँ बना ले| २ – २ गोली नित्य चार बार चुसो| इससे बैठा गला खुल जाता है, आवाज का भारीपन ठीक हो जाता है |
जामुन की गुठली का ४ – ५ ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से स्वप्नदोष ठीक होता है |
जामुन के पेड़ की पत्तियाँ ज्यादा न पकी हुई, न ज्यादा मुलायम लेकर पीस ले उसमे जरा-सा सेंधा नमक मिलाकर उसकी गोलियाँ बना ले १ – १ गोली सुबह–शाम लेने से कैसे भी तेज दस्त हो बंद हो जाते है |
जामुन भूख बढ़ाने वाले है | वर्षा ऋतु को उदर रोगों को ठीक रखने में मदद करेंगे | रक्त की शुद्धि और चेहरे पर लालीमा लानेवाले है |
सावधानी – जामुन सदा भोजन के बाद ही खाना चाहिये | भूखे पेट जामुन बिलकुल न खाये | जामुन खाने के बाद तत्काल दूध न पीये |
*एकादशी*
06 जुलाई 2025 देव शयनी एकादशी व्रत सर्वे ।
04 जुलाई 2025 दिन शुक्रवार भड़ली नवमी।
*प्रदोष व्रत*
08 जुलाई 2025 मंगलवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
10 जुलाई 2025 दिन गुरुवार व्रत, स्नान दान पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*