~*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 12 जून 2025*
*दिन – गुरूवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)* *शक संवत -1947*
*कलि युगाब्द _ 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
*मास – आषाढ (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार ज्येष्ठ)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – प्रतिपदा दोपहर 02:27 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र – मूल रात्रि 09:57 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
*योग – शुभ दोपहर 02:05 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*राहुकाल – दोपहर 02:19 से शाम 04:00 तक*
*सूर्योदय – 05:14*
*सूर्यास्त – 06:46*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे*
*अग्निवास*
16+05+01=22÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
16+16+5=37÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
*गर्मी में कैसे रहें स्वस्थ*
*क्या करें*
1] सुपाच्य, चिकनाई व मधुर रसयुक्त, शीतल प्रकृति के और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें | 2] देशी गाय का दूध, घी तथा मिश्री, फल आदि का सेवन करना हितकारी है ।
3] धूप में चलते समय सिर को टोपी या पगड़ी से ढक लें |
4] घड़े या सुराही का जल खुला हितकर है |
5] ऐसे कपड़े पहने जाने चाहिए जो आसानी से सूखे हुए हों।
*क्या न करें*
1] गर्मियों में गर्म प्रकृति के साथ, तीखे और पचने में भारी पदार्थों से परहेज करें ।
2] धूप में आने के तुरंत बाद या एक साथअधिक पानी ना पिए |
3 धूम में घूमना, अधिक व्यायाम करना, देर रात तक जागना, अधिक देर तक भूखा-प्यासा रहना खतरा है |
4] अत्यधिक ठंडा पेय, ठंडा पेय, चिपचिपाहट का ठंडा पानी, बर्फ, आइसक्रीम आदि का सेवन न करें।
*विद्यालाभ योग*
14 जून 2025 शनिवार को विद्यालाभ योग (गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, आदि अमावस्यांत मास प्रचलनवाले राज्यों को छोड़कर भारतभर में)
*विद्यालाभ के लिए मंत्र*
*ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नमः स्वाहा ।*
विशेष – जिन राज्यों में पूर्णिमा को माह का अंत माना जाता है वहाँ यह मंत्र 14 जून 2025 शनिवार को प्रातः 04:17 से रात्रि 11:45 तक 108 बार जप लें और फिर मंत्रजप के बाद रात्रि 11:00 से 12:00 बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से “ह्रीं” मंत्र लिख दें । जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा, उसे विद्यालाभ व विद्वत्ता की प्राप्ति होगी |
विशेष – गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, आदि जहाँ अमावस्या को माह का अंत माना जाता है वहाँ 11 जुलाई 2025 शुक्रवार को प्रातः 05:56 से रात्रि 11:45 बजे तक 108 बार मंत्र जप लें और रात्रि 11:00 से 12:00 बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन ‘ह्रीं’ मंत्र लिख दें ।
(ध्यान दें :- गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, आदि अमावस्यांत मास प्रचलनवाले राज्यों में यह योग 11 जुलाई 2025 शुक्रवार को है ।)
*पंo वेदान्त अवस्थी*