“*मेहमानों को तंबाकू न परोसे*”
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई पर विशेष
डॉ बी एल मिश्रा, चिकित्सा विशेषज्ञ
संपूर्ण विश्व में तंबाकू व तंबाकू जनित
उत्पादों को बहुतायत परिवारों में एक आवश्यक सामग्री के रूप में उपयोग में लाया जाता है। सुखद पहलू यह है कि लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में उन्हें जानकारी है जैसे कि तंबाकू के सेवन से कैंसर व अन्य जानलेवा बीमारी होने की संभावना होती है। मुख द्वारा तंबाकू के सेवन से मुख, जीभ, गले, आहार नली, पेट, पेनक्रियाज में वहीं धूम्रपान के माध्यम से फेफड़ा, पेशाब की थैली, किडनी, महिलाओं में बच्चेदानी के मुख, पुरुषों में प्रोस्टेट का कैंसर की संभावना होती है। कैंसर के अतिरिक्त तंबाकू के उपयोग से हार्ट अटैक, पेट में अल्सर, पैर में गैंग्रीन, स्वसन रोग या दमा जैसे लक्षण, लकवा, ओस्टियोपोरोसिस, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मानसिक रोग _डिप्रेशन, टीबी रोग, शीघ्र बुढ़ापा का होना, नपुंसकता, दांतों का सड़न व मुख का न खुलना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
प्रतिवर्ष 31 मई को पूरी दुनिया में तंबाकू व उत्पाद के दुष्परिणामों के बारे में आम जन को जागरूक करने के उद्देश्य से “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
तंबाकू कैसे छोड़ें –
डॉ बी एल मिश्रा चिकित्सा विशेषज्ञ ने बताया कि शराब, कोरेक्स, अफीम, भांग, हीरोइन, कोकेन, नशीले ड्रग्स व इंजेक्शन जैसी नशीली वस्तुओं की तुलना में तंबाकू का त्याग करना काफी सरल है। हमें इस भ्रम को छोड़ना होगा कि तंबाकू के सेवन से कुछ लाभ होता है। तंबाकू सेवन से बचनें हेतु तंबाकू के सेवन की शुरुआत को रोकना चाहिए, तंबाकू छोड़ने का दृढ़ निश्चय करना व छोड़ने हेतु तिथि सुनिश्चित करना, अपने परिवार जनों वरिष्ठ मित्रों का सहयोग ले, तंबाकू सेवन करने वालों से दूर रहें, लत से संबंधित चीजों (ऐश ट्रे, लाइटर )को अपने निवास व कार्य स्थल से हटाएं, तंबाकू मुक्त विद्यालय का क्रियान्वयन तथा तंबाकू नियंत्रण कानून अधिनियम 2003 का जिला प्रशासन द्वारा कड़ाई से पालन करना जैसी गतिविधियां होना चाहिए।
तम्बाकू मुक्त हेतु हमारी अपील –
डॉ बी .एल. मिश्रा ,चिकित्सा विशेषज्ञ ने बताया कि जिला को तंबाकू मुक्त बनाने हेतु राजनीतिक व प्रशासनिक प्रतिबद्धता की सख्त आवश्यकता है। हमें चाहिए कि वैवाहिक व धार्मिक आयोजनों में मेहमानों को तंबाकू न परोसें। जिला प्रशासन को बारात घरों में तंबाकू के उपयोग का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करना चाहिए साथ ही जिले में “खुले में शौंच मुक्त” अभियान की सफलता की तरह सर्वप्रथम सभी कार्यक्रमों में अधिकारियों_ कर्मचारियों को आगे लाना होगा। सभी महाविद्यालयों व विद्यालयों में सप्ताह में एक दिवस तंबाकू मुक्त रीवा-मऊगंज हेतु जागरूकता कार्यक्रम, पोस्टर प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, भाषण प्रतियोगिता, रंगोली आदि गतिविधियां आयोजित हो । किसी भी कार्यक्रम में सभी जन प्रतिनिधियों, समाज सेवी, गैर शासकीय संगठन, व आमजन परिवारों को तंबाकू मुक्त बनाने हेतु आवश्यक चर्चा करें। आइये हम सब मिलकर अपने अगली पीढ़ी के सर्वांगीण विकास हेतु जिला को तंबाकू मुक्त बनाएं।
(डा. बी एल मिश्रा )