आज का पञ्चाङ्ग दिनांक – 30 मई 2025* दिन – शुक्रवार* संवत्सर – सिद्धार्थ* विक्रम संवत् – 2082* शक संवत – 1947* कलि युगाब्द – 5127* अयन – उत्तरायण* ऋतु – ग्रीष्म* मास – ज्येष्ठ* पक्ष – शुक्ल* तिथि – चतुर्थी रात्रि 09:22 तक तत्पश्चात् पञ्चमी* नक्षत्र – पुनर्वसु रात्रि 09:29 तक तत्पश्चात् पुष्य* योग – गण्ड दोपहर 12:57 तक तत्पश्चात् वृद्धि* राहुकाल – सुबह 10:57 से दोपहर 12:37 तक* सूर्योदय – 05:17* सूर्यास्त – 06:43* स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है। दिशा शूल – पश्चिम दिशा में* *अग्निवास* 04+06+01=11÷4=03 प्रथ्वी लोक में। *शिववास* 04+04+5=13÷7 =06 क्रीड़ा याम वासे। *व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी, गुरु अर्जुनदेवजी शहीदी दिवस* विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34) *सिर व बालों की समस्याओं से बचने हेतु* सर्वांगासन ठीक ढंग से करते रहने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं, बाल झड़ने बंद हो जाते हैं और जल्दी सफेद नहीं होते अपितु काले, चमकीले और सुंदर बन जाते हैं । आँवले का रस कभी – कभी बालों की जड़ों में लगाने से उनका झड़ना बंद हो जाता है । सर्वांगासन की विधि पुस्तक पढ़े।युवावस्था से ही दोनों समय भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठकर दो – तीन मिनट तक लकड़ी की कंघी सिर में घुमाने से बाल जल्दी सफेद नहीं होते तथा बाल और मस्तिष्क की पीड़ा संबंधी रोग नहीं होते । सिरदर्द दूर होकर मस्तिष्क बलवान बनता है । बालों का जल्दी गिरना, सिर की खुजली व गर्मी आदि रोग दूर होने में सहायता मिलती है । गोझरण अर्क में पानी मिलाकर बालों को मलने से वे मुलायम, पवित्र, रेशम जैसे हो जाते हैं । घरेलू उपाय बाजारू चीजों से सात्त्विक, सचोट और सस्ते हैं । *प्यास व भूख लगने पर..* *प्यास लगे तो जल पियें, भूख तो भोजन खायें ।* *भ्रमण करे नित भोर में, ता घर वैद्य न जायें ।।* जो सदा प्यास लगने पर ही पानी पीता है, भूख लगने पर ही भोजन करता है और नियमितरुप से प्रात:काल में भ्रमण करता है, उसके घर वैद्य नहीं जाते, अर्थात वह स्वस्थ्य रहता है । *एकादशी* 06 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत गृहस्थ। 07 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत निम्बा (वैष्णव)। *प्रदोष व्रत* 08 जून 2025 रविवार प्रदोष व्रत। *पूर्णिमा* 10 जून 2025 दिन मंगलवार व्रत पूर्णिमा । 11 जून 2025 दिन बुधवार स्नान दान पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त