आज का पञ्चाङ्ग~
*दिनांक – 28 मई 2025*
*दिन – बुधवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत् – 2082*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म*
*मास – ज्येष्ठ*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – द्वितीया रात्रि 01:54 मई 29 तक तत्पश्चात् तृतीया*
*नक्षत्र – मृगशिरा रात्रि 12:29 मई 29 तक तत्पश्चात् आद्रा*
*योग – धृति शाम 07:09 तक तत्पश्चात् शूल*
*राहुकाल – दोपहर 12:37 से दोपहर 02:18 तक*
*सूर्योदय – 05:18*
*सूर्यास्त – 06:42*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*अग्निवास*
02+04+01=07÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
02+02+5=09÷7 =02 गौरी सन्निधौ वासे।
व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 05:55 से रात्रि 12:29 मई 29 तक)
विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटहरी ) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)
बल, बुद्धि व पुष्टि दायक कद्दू के बीज*
पका हुआ कद्दू (कुम्हड़ा या पेठा) त्रिदोषशामक एवं अमृत के समान है । इसके बीज बादाम के समान गुणकारी है । ये पौष्टिक, बल-वीर्यवर्धक, धारणाशक्ति बढ़ानेवाले, मस्तिष्क को शांत करनेवाले व कृमिनाशक है । इनमें जिंक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । इन्हें धीमी आँच पर सेंककर अथवा मिठाई, ठंडाई, सब्जी या अन्य व्यंजनों में डाल के भी खा सकते है ।
इनको पीस के दूध में एक चम्मच मिला के भी सेवन कर सकते हैं ।
*कद्दू-बीज के ढेरों लाभ
(१) हृदय के लिए : कद्दू के बीज का प्रतिदिन सेवन करने से शरीर में मैग्नेशियम की कमी पूरी होती है । इससे हृदय तंदुरुस्त रहता है और रक्तचाप (B.P.) भी नियंत्रण में रहता है ।
(२) रोगप्रतिकारक शक्तिवर्धक : इनमें पाया जानेवाला जिंक रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाता है ।
(३) वीर्य वृद्धि के लिए : कद्दू के बीज वीर्यवर्धक होने से पुरुषों के लिए इनका सेवन लाभकारी है ।
(४) नींद लाने हेतु : नींद न आने की समस्या हो तो सोने से पहले कद्दू के बीज दूध के साथ सेवन करने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है ।
(५) बल-बुद्धि बढ़ाने के लिए : कद्दू को उबालकर घी में सेंक के हलवा बनायें । इसमें कद्दू के सेंके हुए बीज डालकर खायें ।
विशेष : प्राय: सूखे मेवे गर्म तासीर के होते हैं जबकि कद्दू के बीज की तासीर ठंडी होती है । अतः इन्हें सभी ऋतुओं में खाया जा सकता है ।
सेवन-मात्रा : १५ से २० बीज अथवा बीजों का १-२ ग्राम चूर्ण । कद्दू के बीज पचने में भारी होने से इन्हें अधिक मात्रा में न लें ।
*एकादशी*
06 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत गृहस्थ।
07 जून 2025 निर्जला एकादशी व्रत निम्बा (वैष्णव)।
*प्रदोष व्रत*
08 जून 2025 रविवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
10 जून 2025 दिन मंगलवार व्रत पूर्णिमा ।
11 जून 2025 दिन बुधवार स्नान दान पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*