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आज का पंचांग 4 may 2025

By Janhit TV

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आज का पञ्चाङ्ग ~
*दिनांक -04 मई 2025*
*दिन – रविवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत् – 2082*
*शक संवत – 1047*
*कलि युगाब्द– 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत*
*मास – वैशाख*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – सप्तमी सुबह 07:18 तक तत्पश्चात् अष्टमी*
*नक्षत्र – पुष्य दोपहर 12:53 तक तत्पश्चात् अश्लेशा*
*योग – गण्ड रात्रि 12:42 मई 05 तक तत्पश्चात् वृद्धि*
*राहुकाल – शाम 05:30 से शाम 07:08 तक*
*सूर्योदय – 05:29*
*सूर्यास्त – 06:31*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*अग्निवास*
07+01+01=09÷4=0 स्वर्ग लोक में।
*शिववास*
07+07+5=19÷7 =05 भोजन चैव वासे।
व्रत पर्व विवरण – रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से सुबह 07:18 तक), सर्वार्थसिद्धि योग, रविपुष्य योग (सूर्योदय से दोपहर 12:13 तक)
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है एवं अष्टमी को नारियल फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)
गर्मियों में बलप्रद व स्वास्थ्यवर्धक आम

पका आम बहुत ही पौष्टिक होता है । इसमें प्रोटीन,विटामिन व खनिज पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट तथा शर्करा विपुल मात्रा में होते हैं ।
आम मीठा, चिकना, शौच साफ़ लानेवाला, तृप्तिदायक, ह्रदय को बलप्रद, वीर्य की शुद्धि तथा वृद्धि करनेवाला है । यह वायु व पित्त नाशक परंतु कफकारक है तथा कांतिवर्धक, रक्त की शुद्धि करनेवाला एवं भूख बढ़ानेवाला है । इसके नियमित सेवन से रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है ।
शुक्रप्रमेह आदि विकारों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो, उनके लिए पका आम लाभकारक है । कलमी आम की अपेक्षा देशी आम जल्दी पचनेवाला, त्रिदोषशामक व विशेष गुणयुक्त है । रेशासहित, मीठा, पतली या छोटी गुठलीवाला आम उत्तम माना जाता है । यह आमाशय, यकृत, फेफड़ों के रोग तथा अल्सर, रक्ताल्पता आदि में लाभ पहुँचाता है । इसके सेवन से रक्त,मांस आदि सप्तधातुओं तथा वासा की वृद्धि और हड्डियों का पोषण होता है । यूनानी डॉक्टरों के मतानुसार पका आम आलस्य दूर करता है, मूत्र साफ़ लाता है, क्षयरोग (टी.बी.)मिटाता है तथा गुर्दें व मूत्राशय के लिए शक्तिदायक है ।
*औषधि-प्रयोग
भूखवृद्धि : आम के रस में घी और सौंठ डालकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होता है । वायु रोग या पाचनतंत्र की दुर्बलता : आम के रस में अदरक मिलाकर लेना हितकारी है ।
शहद के साथ पके आम के सेवन से प्लीहा, वायु और कफ के दोष तथा क्षयरोग दूर होता है ।
आम का पना : केरी (कच्चा आम ) को पानी में उबालें अथवा गोबर के कंडे की आग में दबा दें । भुन जाने पर छिलका उतार दें और गूदा मथकर उसमें गुड, जीरा, धनिया, काली मिर्च तथा नमक मिलाकर दोबारा मथें । आवश्यकता अनुसार पानी मिलायें और पियें ।
लू लगने पर : उपरोक्त आम का पना एक-एक कप दिन में २ – ३ बार पियें ।

भुने हुए कच्चे आम के गूदेको पैरों के तलवों पर लगाने से भी लू से राहत मिलती है ।
वजन बढ़ाने के लिए : पके और मीठे आम नियमित रूप से खाने से दुबले – पतले व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है ।
दस्त में रक्त आने पर : छाछ में आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ होता है ।
पेट के कीड़े : सुबह चौथाई चम्मच आम की गुठलियों का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते है ।
प्रदर रोग : आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से रक्त-प्रदर में लाभ होता है ।
दाँतों के रोग : आम के पत्तों को खूब चबा-चबाकर थूकते रहने से कुछ ही दोनों में दाँतों का हिलना और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है । आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से पायरिया ठीक होता है ।
घमौरियाँ : आम की गुठली के चूर्ण से स्नान करने से घमौरियाँ दूर होती है ।
पुष्ट और सुडौल शरीर : यदि एक वक्त के आहार में सुबह या शाम केवल आम चूसकर जरा-सा अदरक लें तथा डेढ -दो घंटे के बाद दूध पियें तो ४० दिन में शरीर पुष्ट व सुडौल हो जाता । आम और दूध एक साथ खाना आयुर्वेद की दृष्टि से विरुद्ध आहार है । इससे आगे चलकर चमड़ी के रोग होते हैं ।
सावधानी : खाने के पहले आम को पानी में रखना चाहिए । इससे उसकी गर्मी निकल जाती है । भूखे पेट आम नहीं खाना चाहिए । अधिक आम खाने से गैस बनती है और पेट के विकार पैदा होते हैं  । कच्चा, खट्टा तथा अति पका हुआ आम खाने से लाभ के बजाय हानि हो सकती है । कच्चे आम के सीधे सेवन से कब्ज व मंदाग्नि हो सकती है ।
*एकादशी*
08 मई 2025 दिन गुरुवार मोहिनी एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष व्रत*
09 मई 2025 शुक्रवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
12 मई 2025 दिन सोमवार स्नान दान व्रत वैशाखी पीपल पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*

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