आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 10 अप्रैल 2025*
*दिन – गुरुवार*
*संवत्सर – सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत् – 2082*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – बसन्त*
*मास – चैत्र*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – त्रयोदशी रात्रि 01:00 अप्रैल 11 तक, तत्पश्चात् चतुर्दशी*
*नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी दोपहर 12:24 तक तत्पश्चात् उत्तराफाल्गुनी*
*योग – वृद्धि शाम 06:59 तक तत्पश्चात् ध्रुव*
*राहुकाल – दोपहार 02:15 से दोपहर 03:50 तक*
*सूर्योदय – 05:45*
*सूर्यास्त – 06:15*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*अग्निवास*
13+05+01=19÷4=03 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
13+13+5=31÷7 =03 वृषारूढ़ा वासे।
*व्रत पर्व विवरण – अनंग त्रयोदशी, प्रदोष व्रत, महावीर स्वामी जन्मोत्सव*
विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)
उत्तम स्वास्थ्य हेतु निद्रा – संबंधी ध्यान देने योग्य जरूरी बातें
क्या करें
१] आयु –आरोग्य संवर्धन हेतु उचित समय पर, उचित मात्रा में नींद लेना जरूरी है ।
२] रात को ढीले वस्त्र पहन के बायीं करवट सोयें ।
३] अनिद्रा हो तो सिर पर आँवला-भृंगराज केश तेल व शरीर पर तिल की एवं पैरों के तलवों पर घी की मालिश करें ।
४] सोने से पहले शास्त्राध्ययन या सत्संग श्रवण कर कुछ देर ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें, फिर श्वासोच्छ्वास के साथ भगवन्नाम की गिनती करते हुए सोयें तो नींद भी उपासना हो जायेगी ।
क्या न करें
१] हाथ-पैर सिकोड़कर, पैरों के पंजो की आँटी (क्रॉस) करके, सिर के पीछे या ऊपर हाथ रखकर तथा पेट के बल नहीं सोना चाहिए ।
२] रात को पैर गीले रख के नही सोना चाहिए ।
३] देर रात तक जागरण से शरीर में धातुओं का शोषण होता हैं व शरीर दुर्बल होता है ।
४] दिन में शयन करने से शरीर में बल का क्षय हो जाता है । स्थूल, कफ प्रकृतिवाले व कफजन्य व्याधियों से पीड़ित व्यक्तियों को सभी ऋतुओं में दिन की निद्रा अत्यंत हानिकारक है ।
*प्रदोष*
10 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार स्नान दान व्रत वैशाखी पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*