*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 03 अप्रैल 2025*
*दिन – गुरूवार*
*संवत्सर– सिद्धार्थ*
*विक्रम संवत – 2082 (गुजरात अनुसार 2081)*
*शक संवत – 1947*
*कलि युगाब्द – 5127*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*मास – चैत्र*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – षष्ठी रात्रि 09:41 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र – रोहिणी सुबह 07:02 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*योग – सौभाग्य रात्रि 12:01 तक तत्पश्चात शोभन*
*राहुकाल – दोपहर 01:46 से शाम 03:19 तक*
*सूर्योदय – 05:50*
*सूर्यास्त – 06:10*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे*
*अग्निवास*
06+05+01=12÷4=00 प्रथ्वी लोक में।
*शिववास*
06+06+5=17÷7 =03 वृषारूढ़ा वासे।
*व्रत पर्व विवरण- स्कंद षष्ठी*
विशेष- षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*नवरात्रि के आखिरी 3 दिन*
अगर कोई पूरे नौ दिनों का व्रत नवरात्रि में नहीं रख सकता, तो कम से कम आखिरी तीन दिनों का व्रत रखना चाहिए। उससे 9 दिन के नवरात्रि का फल प्राप्त होता हैं ।
*ससुराल में तकलीफ हो तो*
जिनको शादी के बाद कठिनाई आती है… ससुराल में ….उनको चैत्र मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को (यानि 05 अप्रैल 2025 शनिवार को)– ॐ ह्रीं गौरिये नम: | ॐ ह्रीं गौरिये नम: | का जप करे | और प्रार्थना करे “की शिवजी की अति प्रिय हो माँ… हमारे परिवार में ये समस्या न रहें |
“आपके परिचितों में किसी को भी बेटी, बहन शादी के बाद दिक्कते आती हो तो आप इनको बता दें | ऐसा करें बेटी न कर पाये तो बाप तो करे, भाई करें, बहन करें की मेरी बेटी, बहन को ऐसी तकलीफ न हो ऐसा संकल्प करें, नाम और गोत्र का उच्चारण करके |
*काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए*
अगर काम धंधा करते हैं और सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को.. बेल के कोमल -कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को अर्पण करने से …. मंत्र बोले ” ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः । ” और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है गुरु मंत्र का जप और कभी -कभी ये प्रयोग करें नवरात्रियों में तो खास करें | देवी भागवत में वेद व्यासजी ने बताया है।
*चैत्र नवरात्रि*
नवरात्रि की सप्तमी तिथि यानी सातवें दिन माता दुर्गा को गुड़ का भोग लगाएं। इससे हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
*चैत्र नवरात्रि*
*शत्रुओं का नाश करती हैं मां कालरात्रि*
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं
*चैत्र नवरात्रि*
05 अप्रैल 2025 अष्टमी।
06 अप्रैल 2025 राम नवमी, महानवमी व्रत। नवरात्रि से संबंधित हवन पूजन 11:13 बजे तक किया जायेगा।
पूर्ण नवरात्रि व्रत पारण 07 अप्रैल 2025 दिन सोमवार को सुबह 07 बजे पारण करे।
*एकादशी*
08 अप्रैल 2025 दिन मंगलवार कामदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
10 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार स्नान दान व्रत वैशाखी पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*
आज का पंचांग 3 अप्रैल 2025
By Janhit TV
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