*आज का पञ्चाङ्ग*
*दिनांक – 25 मार्च 2025**दिन – मंगलवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*मास – चैत्र (गुजरात-महाराष्ट्र फाल्गुन)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – एकादशी 26 मार्च प्रात: 03:45 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र – श्रवण 26 मार्च रात्रि 03:49 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*योग – शिव दोपहर 02:53 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*राहुकाल – शाम 03:18 से शाम 04:50 तक*
*सूर्योदय – 05:58*
*सूर्यास्त – 06:02*
_स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*अग्निवास*
26+03+01=30÷4=02 पाताल लोक में।
*शिववास*
26+26+5=57÷7 =01 कैलाश वासे।
*व्रत पर्व विवरण- पपमोचनी एकादशी स्मार्त*
विशेष- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l *राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
*पापमोचनी एकादशी*
25 मार्च 2025 मंगलवार को प्रात: 05:05 से 26 मार्च बुधवार को प्रातः 03:45 तक एकादशी है ।
*विशेष ~ 25 मार्च 2025 मंगलवार को पापमोचनी एकादशी (स्मार्त) 26 मार्च 2025 बुधवार को पापमोचनी एकादशी (भागवत) 26 मार्च 2025 बुधवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
जो श्रेष्ठ मनुष्य ‘पापमोचनी एकादशी’ का व्रत करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । इसको पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है । ब्रह्महत्या, सुवर्ण की चोरी, सुरापान और गुरुपत्नीगमन करनेवाले महापातकी भी इस व्रत को करने से पापमुक्त हो जाते हैं । यह व्रत बहुत पुण्यमय है ।
*एकादशी महात्मय पुस्तक से*
*एकादशी व्रत के लाभ*
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है। पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
*चैत्र नवरात्रि*
30/03/2025 दिन रविवार को प्रतिपदा
सुबह 08:07 बजे से 09:39 बजे तक चंचल वेला।
09:39 बजे से 12:43 बजे तक अमृत वेला।
12:18 बजे से 01:07 बजे तक अभिजित वेला में पूजन एवं घट स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा।
05 अप्रैल 2025 अष्टमी।
06 अप्रैल 2025 राम नवमी, महानवमी व्रत। नवरात्रि से संबंधित हवन पूजन 11:13 बजे तक किया जायेगा।
पूर्ण नवरात्रि व्रत पारण 07 अप्रैल 2025 दिन सोमवार को सुबह 07 बजे पारण करे।
*पंचक*
26 मार्च 2025 दिन बुधवार को साय 03:15 बजे से 30 मार्च 2025 दिन रविवार को साय 04:35 बजे तक।
*एकादशी*
25 मार्च 2025 दिन मंगलवार पाप मोचनी एकादशी ।( व्रत गृहस्थ)।
26 मार्च 2025 दिन बुधवार
( व्रत स्मार्त)।
08 अप्रैल 2025 दिन मंगलवार कामदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
27 मार्च 2025 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत। (मासिक शिव रात्रि)।
10 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार प्रदोष व्रत।
*अमावस्या*
29 मार्च 2025 दिन शनिवार देव पितृकार्य अमावस्या।
*पूर्णिमा*
12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार स्नान दान व्रत वैशाखी पूर्णिमा।
*पंo वेदान्त अवस्थी*