आज का पञ्चाङ्ग
*दिनांक – 04 जनवरी 2025*
*दिन – शनिवार*
*संवत्सर – काल युक्त*
विक्रम संवत् – 2081*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – हेमन्त*
मास – पौष*
पक्ष – शुक्ल*
तिथि – पञ्चमी रात्रि 10:00 तक, तत्पश्चात षष्ठी*
नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 09:23 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
योग – सिद्धि सुबह 10:08 तक, तत्पश्चात व्यतिपात*
राहु काल – सुबह 10:03 से सुबह 11:24 तक*
सूर्योदय – 06:46*
सूर्यास्त – 05:14*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
*दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*अग्निवास*
05+07+01=13÷4=01 स्वर्ग लोक में।
*शिववास*
05+05+5=59÷7 =01 कैलाश वासे।
व्रत पर्व विवरण – व्यतीपात योग (प्रातः 10:09 से प्रातः 07:32 जनवरी 05 तक)*
विशेष – पञ्चमी को बेल फल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
*शनिवार के दिन विशेष प्रयोग*
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
*आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
*पंचक*
03 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार को सुबह 10:48 बजे से 07 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को साय 05:50 बजे तक।
*एकादशी*
10 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार पुत्रदा एकादशी व्रत सर्वे।
*प्रदोष*
11 जनवरी 2025 दिन शनिवार प्रदोष व्रत।
*पूर्णिमा*
13 जनवरी 2025 दिन सोमवार स्नान दान वृत पूर्णिमाl
*पंo वेदान्त अवस्थी*